"अयनांत": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Summer solstice.gif|left|90px|thumb|उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर अयनांत]]
'''अयनांत''' ([[अंग्रेज़ी]]:''सोलस्टिस'') एक खगोलीय घटना है जो वर्ष में दो बार घटित होती है जब सूर्य [[खगोलीय गोला|खगोलीय गोले]] में [[खगोलीय मध्य रेखा]] के सापेक्ष अपनी उच्चतम अथवा निम्नतम अवस्था में भ्रमण करता है। [[विषुव]] और अयनांत मिलकर एक ऋतु का निर्माण करते हैं। विभिन्न सभ्यताओं में अयनांत को ग्रीष्मकाल और शीतकाल की शुरुआत अथवा मध्य बिन्दु माना जाता है।<ref>{{cite book |title=अंटार्कटिक भविष्य का महाद्वीप |author=श्याम सुन्दर शर्मा |publisher=प्रभात प्रकाशन |year=२००९ |isbn=9788177210590 |url=https://books.google.co.in/books?id=hNBzBQAAQBAJ |page=५८}}</ref>
'''अयनांत''' ([[अंग्रेज़ी]]:''सोलस्टिस'') एक खगोलीय घटना है जो वर्ष में दो बार घटित होती है जब सूर्य [[खगोलीय गोला|खगोलीय गोले]] में [[खगोलीय मध्य रेखा]] के सापेक्ष अपनी उच्चतम अथवा निम्नतम अवस्था में भ्रमण करता है। [[विषुव]] और अयनांत मिलकर एक ऋतु का निर्माण करते हैं। विभिन्न सभ्यताओं में अयनांत को ग्रीष्मकाल और शीतकाल की शुरुआत अथवा मध्य बिन्दु माना जाता है।<ref>{{cite book |title=अंटार्कटिक भविष्य का महाद्वीप |author=श्याम सुन्दर शर्मा |publisher=प्रभात प्रकाशन |year=२००९ |isbn=9788177210590 |url=https://books.google.co.in/books?id=hNBzBQAAQBAJ |page=५८}}</ref>



04:36, 21 जून 2018 का अवतरण

उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर अयनांत

अयनांत (अंग्रेज़ी:सोलस्टिस) एक खगोलीय घटना है जो वर्ष में दो बार घटित होती है जब सूर्य खगोलीय गोले में खगोलीय मध्य रेखा के सापेक्ष अपनी उच्चतम अथवा निम्नतम अवस्था में भ्रमण करता है। विषुव और अयनांत मिलकर एक ऋतु का निर्माण करते हैं। विभिन्न सभ्यताओं में अयनांत को ग्रीष्मकाल और शीतकाल की शुरुआत अथवा मध्य बिन्दु माना जाता है।[1]

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सन्दर्भ

  1. श्याम सुन्दर शर्मा (२००९). अंटार्कटिक भविष्य का महाद्वीप. प्रभात प्रकाशन. पृ॰ ५८. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788177210590.