"वित्त": अवतरणों में अंतर

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सरल रूप में '''वित्त''' (Finance) की परिभाषा 'धन या कोश (फण्ड) के प्रबन्धन' के रूप में की जाती है। किन्तु आधुनिक वित्त अनेकों वाणिज्यिक कार्यविधियों का एक समूह है। चूंकि व्यक्ति, व्यापार संस्थान तथा सरकार सभी के काम करने के लिये वित्त अत्यावश्यक है, इसलिये वित्त के क्षेत्र को भी तीन प्रकार से विभाजित किया जाता है-
सरल रूप में '''वित्त''' (Finance) की परिभाषा 'धन या कोश (फण्ड) के प्रबन्धन' के रूप में की जाती है। किन्तु आधुनिक वित्त अनेकों वाणिज्यिक कार्यविधियों का एक समूह है। चूंकि व्यक्ति, व्यापार संस्थान तथा सरकार सभी के काम करने के लिये वित्त अत्यावश्यक है, इसलिये वित्त के क्षेत्र को भी तीन प्रकार से विभाजित किया जाता है-
*(१) व्यक्तिगत वित्त (परसनल फाइनेन्स)
*(१) [[व्यक्तिगत वित्त]] (परसनल फाइनेन्स)
*(२) निगम वित्त (कॉरपोरेट फाइनेन्स)
*(२) [[निगम वित्त]] (कॉरपोरेट फाइनेन्स)
*(३) लोक वित्त (पब्लिक फाइनेन्स)
*(३) [[लोक वित्त]] (पब्लिक फाइनेन्स)


उपरोक्त तीनों ही वर्गों के कुछ मुख्य कार्य समान हैं, जैसे- अच्छी तरह से निवेश करना, कम दर पर ऋण प्राप्त करना, देनदारियों के लिये फण्ड की व्यवस्था, तथा, बैंकिंग। किन्तु इसमें से हरेक की अपनी कुछ विशेष बातें भी हैं, जैसे- व्यक्तियों को रिटायर होने के बाद खर्च करने के लिये व्यवस्था करनी पड़ती है। जबकि एक बड़ी कम्पनी को यह निर्णय लेना होता है कि अतिरिक्त फण्ड की व्यवस्था वह बॉण्ड इश्यू करके करे या स्टॉक जारी करके। इसी प्रकार सरकार की भी अपनी नीतियाँ होतीं हैं (जैसे आय में बहुत अधिक असमानता न रहे।)
उपरोक्त तीनों ही वर्गों के कुछ मुख्य कार्य समान हैं, जैसे- अच्छी तरह से निवेश करना, कम दर पर ऋण प्राप्त करना, देनदारियों के लिये फण्ड की व्यवस्था, तथा, बैंकिंग। किन्तु इसमें से हरेक की अपनी कुछ विशेष बातें भी हैं, जैसे- व्यक्तियों को रिटायर होने के बाद खर्च करने के लिये व्यवस्था करनी पड़ती है। जबकि एक बड़ी कम्पनी को यह निर्णय लेना होता है कि अतिरिक्त फण्ड की व्यवस्था वह बॉण्ड इश्यू करके करे या स्टॉक जारी करके। इसी प्रकार सरकार की भी अपनी नीतियाँ होतीं हैं (जैसे आय में बहुत अधिक असमानता न रहे।)

09:48, 19 जून 2017 का अवतरण

सरल रूप में वित्त (Finance) की परिभाषा 'धन या कोश (फण्ड) के प्रबन्धन' के रूप में की जाती है। किन्तु आधुनिक वित्त अनेकों वाणिज्यिक कार्यविधियों का एक समूह है। चूंकि व्यक्ति, व्यापार संस्थान तथा सरकार सभी के काम करने के लिये वित्त अत्यावश्यक है, इसलिये वित्त के क्षेत्र को भी तीन प्रकार से विभाजित किया जाता है-

उपरोक्त तीनों ही वर्गों के कुछ मुख्य कार्य समान हैं, जैसे- अच्छी तरह से निवेश करना, कम दर पर ऋण प्राप्त करना, देनदारियों के लिये फण्ड की व्यवस्था, तथा, बैंकिंग। किन्तु इसमें से हरेक की अपनी कुछ विशेष बातें भी हैं, जैसे- व्यक्तियों को रिटायर होने के बाद खर्च करने के लिये व्यवस्था करनी पड़ती है। जबकि एक बड़ी कम्पनी को यह निर्णय लेना होता है कि अतिरिक्त फण्ड की व्यवस्था वह बॉण्ड इश्यू करके करे या स्टॉक जारी करके। इसी प्रकार सरकार की भी अपनी नीतियाँ होतीं हैं (जैसे आय में बहुत अधिक असमानता न रहे।)

वित्त का सार-चित्र

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ