"भाई मतिदास": अवतरणों में अंतर
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[[Image:Bhai Mati Das.jpg|right|thumb|300px|'''भाई मतिदास का बलिदान''' - यह चित्र मोहाली-सरहिन्द मार्ग पर स्थित 'सिख इतिहास संग्रहालय' से लिया गया है।]] |
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'''भाई मतिदास''' [[सिख]] इतिहास के सर्वश्रेष्ठ शहीदों में गिने जाते हैं। भाई मतिदास तथा उनके छोटे भाई [[भाई सती दास|सती दास]] और [[भाई दयाल दास]] नवें [[गुरु तेगबहादुर]] के साथ शहीद हुए थे। उनको [[औरंगजेब]] के आदेश से [[दिल्ली]] के [[चांदनी चौक]] में 09 नवंबर 1675 को आरे से चीर दिया गया था। उन्हें मृत्यु स्वीकार थी, परंतु [[धर्म परिवर्तन]] नहीं। भाई मतिदास गुरु तेगबहादुर के प्रधानमंत्री थे। ‘भाई’ का सम्मान स्वयं [[गुरुगोबिंद सिंह]] ने इस परिवार को दिया था। |
'''भाई मतिदास''' [[सिख]] इतिहास के सर्वश्रेष्ठ शहीदों में गिने जाते हैं। भाई मतिदास तथा उनके छोटे भाई [[भाई सती दास|सती दास]] और [[भाई दयाल दास]] नवें [[गुरु तेगबहादुर]] के साथ शहीद हुए थे। उनको [[औरंगजेब]] के आदेश से [[दिल्ली]] के [[चांदनी चौक]] में 09 नवंबर 1675 को आरे से चीर दिया गया था। उन्हें मृत्यु स्वीकार थी, परंतु [[धर्म परिवर्तन]] नहीं। भाई मतिदास गुरु तेगबहादुर के प्रधानमंत्री थे। ‘भाई’ का सम्मान स्वयं [[गुरुगोबिंद सिंह]] ने इस परिवार को दिया था। |
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13:38, 19 सितंबर 2013 का अवतरण
भाई मतिदास सिख इतिहास के सर्वश्रेष्ठ शहीदों में गिने जाते हैं। भाई मतिदास तथा उनके छोटे भाई सती दास और भाई दयाल दास नवें गुरु तेगबहादुर के साथ शहीद हुए थे। उनको औरंगजेब के आदेश से दिल्ली के चांदनी चौक में 09 नवंबर 1675 को आरे से चीर दिया गया था। उन्हें मृत्यु स्वीकार थी, परंतु धर्म परिवर्तन नहीं। भाई मतिदास गुरु तेगबहादुर के प्रधानमंत्री थे। ‘भाई’ का सम्मान स्वयं गुरुगोबिंद सिंह ने इस परिवार को दिया था।