"विकिपीडिया:नया पृष्ठ कैसे आरम्भ करें?": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
[पुनरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो Mritunjai001 (Talk) के संपादनों को हटाकर Mayur के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
[[चित्र:How to search for pages.JPG|centre|800px|]]
[[चित्र:How to search for pages.JPG|centre|800px|]]


'प्रेम....'
==इन्हें भी देखें==
'प्रेम' हा अतिशय जिव्हाळ्याचा 'शब्द'... 'पण प्रेम म्हणजे तरी काय ?"...
*[[विकिपीडिया:लेख का नाम कैसे रखें]]
ती आवडते,आवडतो ही झाली सामान्य व्याख्या...'
*[[विकिपीडिया:योगदान]]
'प्रेम'------- दोन हळव्या जिवांच एकमेकांना जपणं... एकमेकांच्या भावनांचा आदर करणे...
*[[विकिपीडिया:सहायता]]
"पहिलं प्रेम" मध्ये वी.स.
खांडेकर म्हणतात ...""वादळात भरकटलेल्या दोन नौकांचा हातात
हात घालून किनार्या पर्यंत केलोएला प्रवास.... सोबत ... म्हणजे प्रेम होय
<gallery>


</gallery>
[[श्रेणी:विकिपीडिया सहायता]]

10:16, 7 दिसम्बर 2011 का अवतरण

नया पन्ना आरम्भ करने के लिये जिस शीर्षक से आप लेख बनाना चाहते हैं, खोज बक्से में लिखकर खोजें। यदि उस शीर्षक से पहले लेख न होगा तो नया लेख बनाने का विकल्प आ जायेगा।

विकिपीडिया पर नया लेख बनाते समय पहले ये सुनिश्चित कर लें कि इस विषय पर वैकल्पिक नाम अथवा वर्तनी से पहले से लेख न हो। हिन्दी में वर्तनी की विविधता के कारण हो सकता है सामान्य खोज में आपके द्वारा सोचा गया नाम न आये, इसलिये अन्य वैकल्पिक वर्तनी के साथ खोज करें। उदाहरण के लिये यदि आप पंडित रविशंकर नाम से लेख बनाने जा रहे हैं तो पहले यह खोज लें कि पण्डित रविशंकर नाम से लेख मौजूद तो नहीं है।

इसके अतिरिक्त गूगल द्वारा हिन्दी विकिपीडिया पर इस क्वैरी "site:hi.wikipedia.org Name" द्वारा खोज करके भी आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि इस विषय पर पहले मिलते-जुलते नाम से कोई लेख न हो। जैसे कि चित्रानुसार यदि आप सर्च बाक्स में भ भरना शुरु करते है तो ये आपको भ से शुरु होने वाले समस्त लेख दिखाना शुरु कर देता है। इस प्रकार आप किसी लेख को खोजकर यह सुनिश्चित कर ले कि वह विद्यमान है अथवा नहीं।

'प्रेम....' 'प्रेम' हा अतिशय जिव्हाळ्याचा 'शब्द'... 'पण प्रेम म्हणजे तरी काय ?"... ती आवडते,आवडतो ही झाली सामान्य व्याख्या...' 'प्रेम'------- दोन हळव्या जिवांच एकमेकांना जपणं... एकमेकांच्या भावनांचा आदर करणे... "पहिलं प्रेम" मध्ये वी.स. खांडेकर म्हणतात ...""वादळात भरकटलेल्या दोन नौकांचा हातात हात घालून किनार्या पर्यंत केलोएला प्रवास.... सोबत ... म्हणजे प्रेम होय