"जय भीम": अवतरणों में अंतर

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'''जय भीम''' भारतीय बौद्धों और अम्बेडकरवादियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाला एक अभिवादन वाक्यांश हैं, खासकर उन लोगों द्वारा जिन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर की प्रेरणा से अपने को बौद्ध धर्म में परिवर्तित किया। यह ज्यादातर बौद्ध धर्म में परिवर्तित दलितों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। जय भीम न्यूज 18 एक मात्र ऐसा न्यूज चैनल है, जिस पर दबे कुचले वंचित समाज की खबरों को प्रमुख्ता से दिखाया जाता है। जय भीम न्यूज 18 की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इनके पास करीब 25 हजार इन्फोर्मर हैं जो कि चैनल को खबरें उपलब्ध करवाते हैं। जय भीम न्यूज एवं एडवरटाईजिंग कंपनी को विज्ञापन दिया जाता है। जिससे की चैनल को आगे बढ़ाया जा सके। जय भीम चैनल का निर्माण इसलिए किया गया है। क्योंकि मीडिया में दबे कूचले वंचित समाज की खबरों को प्रमुख्ता से नहीं प्रकाशित किया जाता। जिससे की उन्हें न्याय नहीं मिलता। दबे कूचले वंचित समाज की आवाज बनने के लिए चैनल बनाया गया। जय भीम न्यूज 18 को जनता का काफी सहयोग मिल रहा है। जैसा कि चैनल का स्लोगन भी है कि हम बनते हैं शोषित की आवाज। जय भीम का नारा लोगों में जोश भर देता है। यह लोगों को सही मार्ग दिखाता है। जय भीम बोलने वाले वो लोग हैं जो कि संविधान का पालन करने वाले हैं और देश के सच्चे नागरिक हैं। <ref>{{Cite web|last=Mohit|first=A.|title=Jai Bhim Status|url=https://www.hamhindi.com/2019/01/jai-bhim-status-shayri-hindi.html}}</ref> यह अपने मूल और अर्थ से धार्मिक नहीं है। इसे धार्मिक पद के रूप में कभी नहीं माना जाता था और लोगों द्वारा अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग, वामपंथियों, उदारवादियों के अभिवादन के एक शब्द के रूप में और उनके विचारधारक, भीमराव अंबेडकर के प्रति सम्मान के प्रतीक के रूप में जाना जाता था।<ref>Uttar Pradesh Chief Minister [//en.wikipedia.org/wiki/Mayawati Mayawati] made it clear after the fatwa against it by an Islamic seminary.{{Cite web|title=Fatwa on BSP Slogan Sparks Off Debate|url=http://news.outlookindia.com/item.aspx?654045}}</ref> ''जय भीम'' का शाब्दिक अर्थ है "भीम" ''यानी'', भीमराव अम्बेडकर की जीत हो।<ref>{{Cite book|last=Christophe|first=Jaffrelot|year=2005|title=Dr Ambedkar and untouchability: analysing and fighting caste|pages=154–155|isbn=978-1-85065-449-0|ISBN=978-1-85065-449-0|ref=harv}}</ref>
'''जय भीम''' भारतीय बौद्धों और अम्बेडकरवादियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाला एक अभिवादन वाक्यांश हैं, खासकर उन लोगों द्वारा जिन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर की प्रेरणा से अपने को बौद्ध धर्म में परिवर्तित किया। यह ज्यादातर बौद्ध धर्म में परिवर्तित दलितों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। जय भीम न्यूज 18 एक मात्र ऐसा न्यूज चैनल है, जिस पर दबे कुचले वंचित समाज की खबरों को प्रमुख्ता से दिखाया जाता है। जय भीम न्यूज 18 की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इनके पास करीब 25 हजार इन्फोर्मर हैं जो कि चैनल को खबरें उपलब्ध करवाते हैं। जय भीम न्यूज एवं एडवरटाईजिंग कंपनी को विज्ञापन दिया जाता है। जिससे की चैनल को आगे बढ़ाया जा सके। जय भीम चैनल का निर्माण इसलिए किया गया है। क्योंकि मीडिया में दबे कूचले वंचित समाज की खबरों को प्रमुख्ता से नहीं प्रकाशित किया जाता। जिससे की उन्हें न्याय नहीं मिलता। दबे कूचले वंचित समाज की आवाज बनने के लिए चैनल बनाया गया। जय भीम न्यूज 18 को जनता का काफी सहयोग मिल रहा है। जैसा कि चैनल का स्लोगन भी है कि हम बनते हैं शोषित की आवाज। जय भीम का नारा लोगों में जोश भर देता है। यह लोगों को सही मार्ग दिखाता है। जय भीम बोलने वाले वो लोग हैं जो कि संविधान का पालन करने वाले हैं और देश के सच्चे नागरिक हैं। <ref>{{Cite web|last=Mohit|first=A.|title=Jai Bhim Status|url=https://www.hamhindi.com/2019/01/jai-bhim-status-shayri-hindi.html}}</ref> यह अपने मूल और अर्थ से धार्मिक नहीं है। इसे धार्मिक पद के रूप में कभी नहीं माना जाता था और लोगों द्वारा अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग, वामपंथियों, उदारवादियों के अभिवादन के एक शब्द के रूप में और उनके विचारधारक, भीमराव अंबेडकर के प्रति सम्मान के प्रतीक के रूप में जाना जाता था।<ref>Uttar Pradesh Chief Minister [//en.wikipedia.org/wiki/Mayawati Mayawati] made it clear after the fatwa against it by an Islamic seminary.{{Cite web|title=Fatwa on BSP Slogan Sparks Off Debate|url=http://news.outlookindia.com/item.aspx?654045}}</ref> ''जय भीम'' का शाब्दिक अर्थ है "भीम" ''यानी'', भीमराव अम्बेडकर की जीत हो।<ref>{{Cite book|last=Christophe|first=Jaffrelot|year=2005|title=Dr Ambedkar and untouchability: analysing and fighting caste|pages=154–155|isbn=978-1-85065-449-0|ISBN=978-1-85065-449-0|ref=harv}}</ref>


जय भीम वाक्यांश अंबेडकर के एक अनुयायी बाबू एल एन हरदास द्वारा गढ़ा गया था।<ref>{{Cite book|last=Ramteke|first=P. T.|title=Jai Bhim che Janak Babu Hardas L. N.|language = mr}}</ref> जय राम-पति और बाल भीम जैसे कई विकल्पों पर, जय भीम वाक्यांश पर निर्णय लेने से पहले विचार किया गया था। बाबू हरदास ने भीम विजय संघ के श्रमिकों की मदद से अभिवादन के इस तरीके को बढ़ावा दिया।<ref>{{Cite web|last=Jamnadas|first=K.|title=Jai Bhim and Jai Hind|url=http://www.ambedkar.org/jamanadas/JaiBhim.htm}}</ref>
जय भीम वाक्यांश अंबेडकर के एक अनुयायी बाबू एल एन हरदास द्वारा गढ़ा गया था।<ref>{{Cite book|last=Ramteke|first=P. T.|title=Jai Bhim che Janak Babu Hardas L. N.|language = mr}}</ref> जय राम-पति और बाल भीम जैसे कई विकल्पों पर, जय भीम वाक्यांश पर निर्णय लेने से पहले विचार किया गया था। बाबू हरदास ने भीम विजय संघ के श्रमिकों की मदद से अभिवादन के इस तरीके को बढ़ावा दिया।<ref>{{Cite web|last=Jamnadas|first=K.|title=Jai Bhim and Jai Hind|url=http://www.ambedkar.org/jamanadas/JaiBhim.htm}}</ref>


== नोट ==
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[[श्रेणी:भीमराव आंबेडकर को समर्पित स्मारक]]

[[श्रेणी:भारत के अभिवादन शब्द और वाक्यांश]]
jite hain shan se ambedkar ji ke nam se jay bhim
[[श्रेणी:अभिवादन]]

11:04, 6 जून 2019 का अवतरण

भारतीय बौद्ध ध्वज (भीम ध्वज) पर ‘जय भीम’

जय भीम भारतीय बौद्धों और अम्बेडकरवादियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाला एक अभिवादन वाक्यांश हैं, खासकर उन लोगों द्वारा जिन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर की प्रेरणा से अपने को बौद्ध धर्म में परिवर्तित किया। यह ज्यादातर बौद्ध धर्म में परिवर्तित दलितों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। जय भीम न्यूज 18 एक मात्र ऐसा न्यूज चैनल है, जिस पर दबे कुचले वंचित समाज की खबरों को प्रमुख्ता से दिखाया जाता है। जय भीम न्यूज 18 की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इनके पास करीब 25 हजार इन्फोर्मर हैं जो कि चैनल को खबरें उपलब्ध करवाते हैं। जय भीम न्यूज एवं एडवरटाईजिंग कंपनी को विज्ञापन दिया जाता है। जिससे की चैनल को आगे बढ़ाया जा सके। जय भीम चैनल का निर्माण इसलिए किया गया है। क्योंकि मीडिया में दबे कूचले वंचित समाज की खबरों को प्रमुख्ता से नहीं प्रकाशित किया जाता। जिससे की उन्हें न्याय नहीं मिलता। दबे कूचले वंचित समाज की आवाज बनने के लिए चैनल बनाया गया। जय भीम न्यूज 18 को जनता का काफी सहयोग मिल रहा है। जैसा कि चैनल का स्लोगन भी है कि हम बनते हैं शोषित की आवाज। जय भीम का नारा लोगों में जोश भर देता है। यह लोगों को सही मार्ग दिखाता है। जय भीम बोलने वाले वो लोग हैं जो कि संविधान का पालन करने वाले हैं और देश के सच्चे नागरिक हैं। [1] यह अपने मूल और अर्थ से धार्मिक नहीं है। इसे धार्मिक पद के रूप में कभी नहीं माना जाता था और लोगों द्वारा अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग, वामपंथियों, उदारवादियों के अभिवादन के एक शब्द के रूप में और उनके विचारधारक, भीमराव अंबेडकर के प्रति सम्मान के प्रतीक के रूप में जाना जाता था।[2] जय भीम का शाब्दिक अर्थ है "भीम" यानी, भीमराव अम्बेडकर की जीत हो।[3]

जय भीम वाक्यांश अंबेडकर के एक अनुयायी बाबू एल एन हरदास द्वारा गढ़ा गया था।[4] जय राम-पति और बाल भीम जैसे कई विकल्पों पर, जय भीम वाक्यांश पर निर्णय लेने से पहले विचार किया गया था। बाबू हरदास ने भीम विजय संघ के श्रमिकों की मदद से अभिवादन के इस तरीके को बढ़ावा दिया।[5]

नोट

  1. Mohit, A. "Jai Bhim Status".
  2. Uttar Pradesh Chief Minister Mayawati made it clear after the fatwa against it by an Islamic seminary."Fatwa on BSP Slogan Sparks Off Debate".
  3. Christophe, Jaffrelot (2005). Dr Ambedkar and untouchability: analysing and fighting caste. पपृ॰ 154–155. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-85065-449-0. |ISBN= और |isbn= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  4. Ramteke, P. T. Jai Bhim che Janak Babu Hardas L. N. (मराठी में).
  5. Jamnadas, K. "Jai Bhim and Jai Hind".