Santosh Maharaj के सदस्य योगदान

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28 मई 2021

  • 04:4804:48, 28 मई 2021 अन्तर इतिहास −25 आत्माअन्त की कुछ लाइन में संशोधन किया है, जहा आत्मा को ऊर्जा का रूप सही तो बताया गया है पर यह लिखना की शरीर से दूर हो कर ही देखा जा सकता है, गलत है, आत्म ज्ञान के समय में आत्मा का ऊर्जा रूप शरीर की अवस्था में ही दिखता है सदियों से। ...मैंने अपने आत्म साक्षात्कार के समय भी वहीं देखा जो सदियों से योगी, महात्मा देखते आ रहे हैं, जब ध्यान से आप ऊर्जा के स्तर पर पहुंच जाते है, तभी परमात्मा से साक्षात्कार होता है। टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन