Mukesh Ahirwar Sagar के सदस्य योगदान

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19 अक्टूबर 2019

  • 14:5214:52, 19 अक्टूबर 2019 अन्तर इतिहास −963 रविदासऔर जब राजा चन्द्रहास उनको देखते है तो देखते ही रह जाते है राजा चन्द्रहास रविदास जी की अनुपम छवि और उनका तेज देखकर मन्त्रमुग्ध हो जाते है और उनकी चरण वंदना करते है और रविदास जी राजा चन्द्रहास से उनकी और प्रजा की कुशलता पूछते है और दोनों में लम्बी बात होती है फिर इसके उपरांत रविदास जी महाराज राजा समेत समस्त प्रजा को आशीर्वाद देकर चित्तौड़गढ़ की ओर बढ़ जाते है टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन