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23 जून 2018

  • 01:1701:17, 23 जून 2018 अन्तर इतिहास +942 सदस्य:Alkama2धूप में निकलो, घटाओं में नहाकर देखो, ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटाकर देखो। वर्तमान टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 01:1401:14, 23 जून 2018 अन्तर इतिहास +389 वार्ता:लेड(IV) ऑक्साइडशायद यही ज़िंदगी का इम्तिहान होता है, हर एक शख्स किसी का गुलाम होता है, कोई ढूढ़ता है ज़िंदगी भर मंज़िलों को, कोई पाकर मंज़िलों को भी बेमुकाम होता है। वर्तमान टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन