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13 अप्रैल 2022

  • 07:5807:58, 13 अप्रैल 2022 अन्तर इतिहास +703 विवाह→‎विवाह का उद्गम: हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 की धारा 17 दूसरे विवाह के संबंध में दंड का उल्लेख करती है। यह धारा स्पष्ट करती है कि जब भी कोई व्यक्ति जिसका पति या पत्नी जीवित है उसके जीवन काल में कोई दूसरा विवाह कर लेता है तब उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के अंतर्गत दंडनीय अपराध का दोषी माना जाएगा। टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 07:5607:56, 13 अप्रैल 2022 अन्तर इतिहास +707 विवाह→‎परिचय: शास्त्रों के अनुसार विवाह आठ प्रकार के होते हैं। विवाह के ये प्रकार हैं- ब्रह्म, दैव, आर्य, प्राजापत्य, असुर, गन्धर्व, राक्षस और पिशाच। नारद पुराण के अनुसार, सबसे श्रेष्ठ प्रकार का विवाह ब्रह्म ही माना जाता है। इसके बाद दैव विवाह और आर्य विवाह को भी बहुत उत्तम माना जाता है। टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन