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11 अप्रैल 2021

  • 15:1715:17, 11 अप्रैल 2021 अन्तर इतिहास +19 क्षत्रियगुर्जर क्षत्रिय' गुर्जर वंश के( शिलालेख) नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली तथा करडाह शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है ।राजजर शिलालेख" में वर्णित "गुर्जारा प्रतिहारवन" वाक्यांश से। यह ज्ञात है कि प्रतिहार गुर्जरा वंश से संबंधित थे। सोमदेव सूरी ने सन 959 में यशस्तिलक चम्पू में गुर्जरत्रा का वर्णन किया है।वह लिखता है कि न केवल प्रतिहार बल्कि चावड़ा, चालुक्य, आदि गुर्जर वंश भी इस भूमि की रक्षा करते रहे व गुर्जरत्रा को एक वैभवशाली देश बनाये रखा। ब्रोच ताम्रपत्र 978 ई० गुर्जर कबीला(जाति) का सप्त सें टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन