शिव धर्म के सदस्य योगदान
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14 मई 2018
- 03:3003:30, 14 मई 2018 अन्तर इतिहास +6,082 सदस्य वार्ता:Shiv.dharma.shiv Shiv Dharma शिव धर्म जीवन को सार्थक बनाने के लिए , चार मुख्य पुरुषार्थों - धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष- ही हैं। इन चार स्तम्भों पर ही आत्मा बीज रूप में (मुलाधार ) पर टिकी होती है। प्रथम है धर्म - विजय भाव ऊर्जा , की विजय केवल अन्त मे सत्य की ही होती है। शिव धर्म द्वारा ही बाकी स्तम्भों को ऊर्जा प्राप्त होती है। इस स्तम्भ बीज रूप को ऊर्जा शिव लिंग द्वारा प्राप्त होती रहती है। यहीं से मोक्ष कुंडलीनी जागरण ओर सम्पूर्ण विश्व की सिद्धीयों , एवं जीवन आत्मा का विकास आर्थिक विकास का पहला द्वार खुलता है... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
26 मार्च 2018
- 09:3309:33, 26 मार्च 2018 अन्तर इतिहास +27 मुलाधार शिव धर्म टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 09:3209:32, 26 मार्च 2018 अन्तर इतिहास +568 न मुलाधार मुलाधार चक्र साधना - मुलाधार चक्र को मंत्र साधना द्वारा जागरण किया जाता है। पहला बीज ही शिव धर्म का होता है। शिव जो सत्य है , की विजय केवल सत्य की होती है। आत्मा जो मुलाधार चक्र पर टिकी होती है। उस का आधार ही धर्म होता है। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन