वसी अहमद क़ादरी के सदस्य योगदान

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5 मार्च 2023

27 फ़रवरी 2023

  • 10:3010:30, 27 फ़रवरी 2023 अन्तर इतिहास +2,956 सदस्य वार्ता:वसी अहमद क़ादरी/* अक्ल किसी की नक़ल नहीं कि जा सकती किसी की बोली गई शब्दों का नकल होता है सच्चे इंसान की बोली में खुदा की अल्फाज़ होता अपना समझ प्रयोग करने वालों का भला नहीं है गुण वो अवगुण खुदा नहीं देते जो जैसा बना ले अपना दिल की ख्यालों में एक खुदा दूसरा शैतान होता है ख्यालों को समझ लेना यह आचरण की गुण होता गुण गाने वाले अपना गुण बनाने से महरूम होता है कामयाब वह जो न देखे किसी को अपना राह तलाश करले तलाश में रूकावटें बहुत आती मुश्किल ही आसान होता है खुदा_जुदा _ मुश्किल _ आसान बगैर तहकीक के नहीं... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन New topic