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विभेदक मनोविज्ञान

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विभेदक मनोविज्ञान (Differential psychology) मनोविज्ञान की एक शाखा है जो व्यक्तियों के व्यवहार की विभिन्नताओं एवं उन भिन्नताओं के कारणों का अध्ययन करती है।[1]

व्यक्तिगत विभिन्नताओं के जनक फ्रांसिस गाल्टन है।

विभेदक निदान

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नैदानिक ​​मनोविज्ञान में विभेदक निदान, एक साथ कई निदान करने की संभावना का आकलन करने के लिए एक प्रक्रियात्मक विधि है।[2]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Fisher, A.J.; एवं अन्य (2018). "Lack of group-to-individual generalizability is a threat to human subjects research". PNAS. 115 (27): 6106–6115. PMID 29915059. डीओआइ:10.1073/pnas.1711978115. पी॰एम॰सी॰ 6142277.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 सितंबर 2018.