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विनयधर उपालि पाली भाषा के प्रसिद्ध विद्वान और महान बौद्ध भिक्षु थे। उन्होंने सर्वप्रमुख बौद्ध धार्मिक ग्रन्थ विनयपिटक की रचना की।वे गौतम बुद्ध के समकालीन थे। यह वर्तमान की नाई कहलाने वाली जाति से सम्बंधित थे । जब बुद्ध से इनकी भेंट हुई उस समय यह बहुत ही धनाड्य नगरसेठ थे। उनसे प्रभावित होकर अपना सबकुछ त्याग कर उपालि उनके शिष्य बन गए।
अपनी योग्यता,निष्ठा से शीघ्र ही वह उनके प्रिय हो गए।
पाली भाषा का 'पाली' नाम आपके नाम से ही प्रचलित हुआ।
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