विद्युच्चुम्बकीय विकिरण और स्वास्थ्य
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विद्युच्चुम्बकीय विकिरण को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: आयनकारी विकिरण और अनायनकारी विकिरण, जो एकल फोटॉन की परमाण्वों को आयनित करके रासायनिक आबन्ध तोड़ने हेतु दशाधिक इलेक्ट्रॉन वोल्ट ऊर्जा के क्षमता के आधार पर होता है। [1] अत्यधिक पराबैंगनी और उच्चावृत्तियाँ, जैसे X-किरण या गामा किरणें आयनकारी होती हैं, और ये अपने स्वयं के विशेष विपद उत्पन्न करती हैं: विकिरण विषाक्तन देखें।
विकिरण का सबसे सामान्य स्वास्थ्य विपद सूर्यदाह है, जो संयुक्त राज्य में वार्षिक लगभग लक्षाधिक नए त्वक्कर्कट रोगों का कारण बनता है। [2] [3]
2011 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्तर्राष्ट्रीय कर्कट अनुसन्धान संस्था ने रेडियो आवृत्ति विद्युच्चुम्बकीय क्षेत्रों को सम्भवतः मनुष्यों हेतु कैंसरजनक (समूह 2बी) के रूप में वर्गीकृत किया है। [4]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Cleveland Jr, Robert F.; Ulcek, Jerry L. (August 1999). Questions and Answers about Biological Effects and Potential Hazards of Radiofrequency Electromagnetic Fields (PDF) (4th संस्करण). Washington, D.C.: OET (Office of Engineering and Technology) Federal Communications Commission. मूल (PDF) से 30 June 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-01-29.
- ↑ Siegel RL, Miller KD, Jemal A (January 2020). "Cancer statistics, 2020". CA: A Cancer Journal for Clinicians. 70 (1): 7–30. PMID 31912902. डीओआइ:10.3322/caac.21590.
- ↑ Cleaver JE, Mitchell DL (2000). "15. Ultraviolet Radiation Carcinogenesis". प्रकाशित Bast RC, Kufe DW, Pollock RE, एवं अन्य (संपा॰). Holland-Frei Cancer Medicine (5th संस्करण). Hamilton, Ontario: B.C. Decker. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-55009-113-1. मूल से 4 September 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 January 2011.
- ↑ Gaudin, Ph.D., Nicolas (31 May 2011). "IARC Classifies Radiofrequency Electromagnetic Fields As Possibly Carcinogenic to Humans" (PDF). International Agency for Research on Cancer. मूल (PDF) से 4 April 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 Nov 2021.