वार्ता:स्टोनिंग ऑफ़ सोराया एम (फ़िल्म)

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पत्थरवाह कानूनी या कम से कम 15 देशों या क्षेत्रों में प्रचलित है और प्रचारकों निष्पादन के इस बर्बर प्रपत्र विशेष रूप से पाकिस्तान , अफगानिस्तान और इराक में वृद्धि पर हो सकता है । महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने ज्यादातर व्यभिचार आरोपी महिलाओं को दिया है , जो पत्थरवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय अभियान शुरू किया है । " पत्थरवाह एक क्रूर और घृणित सजा है, यह मौत के लिए किसी को यातना देने का एक रूप है , " अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूह महिलाओं के रहने के तहत मुस्लिम कानून के नौरीन शमीम ने कहा . "यह अपनी कामुकता और बुनियादी स्वतंत्रता को नियंत्रित और दंडित करने के क्रम में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सबसे क्रूर तरीकों में से एक है" । पत्थरवाह अधिकांप्शश् मुस्लिम देशों में कानूनी नहीं है और कुरान में इसका कोई जिक्र नहीं गया है। लेकिन समर्थकों का यह कहना है कि हदीस-पैगबर मोहम्द के विचार वैध है ।पत्थरवाह पत्प्शथरीयत या इस्लामी कानून के कई व्याख्याओं के तहत व्यभिचार के लिए एक विशिष्ट सजा के रूप माना गया है। उदाहरण के लिये, अगर किसि महिला के साथ बलत्कर किया गया हो तो वह भी ज़िना अपराध माना जाता है। शमीम केहते हैॱ , एक १३वर्षीय सोमाली लड़की , आईशा इब्राहिम दुहुलो द्वारा उद्धृत एक मामले में, उसकी गर्दन को दफना दिया गया था और २००८ में किसमायु में एक स्टेडियम में १००० लोगों के सामने ५० पुरुषों द्वारा वह तीन लोगों द्वारा बलात्कार किया गया था।फिर उसने व्हा के शहर के नियंत्रण में अल शाबाआब के लिए बलात्कार की रिपोर्ट करने की कोशिश की तब्ब् व्यभिचार का आरोप लगाया गया था फिर ये खाबर इंटरनेशनल बताया ग्या था। . भेदभाव प्रचारकों भेदभावपूर्ण कानूनों और सीमा शुल्क विवाहेतर सेक्स के लिए अधिक महिलाओं को दंडित क्योंकि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में व्यभिचार के दोषी होने की संभावना है . देश पर निर्भर करता है - - एक आदमी आगर अपनी पत्नी से नाखुश है तो व्तओह्ला उसे तालाक दे सक्ता है। अन्य पत्नियों लेने या अस्थायी रूप से एक और महिला से शादी . एक औरत कुछ विकल्प हैं. वह केवल कुछ निश्चित परिस्थितियों और अपने बच्चों की हिरासत खोने जोखिम में तलाक ले सकते हैं. व्यभिचार की आरोपी पुरुषों को भी वकीलों किराया करने का मतलब है की संभावना है , और उनके अधिक से अधिक शारीरिक स्वतंत्रता यह आसान उन्हें वे पत्थरवाह जोखिम जहां स्थितियों में पलायन करने के लिए बनाता है . कार्यकर्ता परीक्षणों अक्सर अनुचित कह रहे हैं . अभियुक्तों को दोषी करार अक्सर दबाव के तहत किए गए बयान पर आधारित हैं . व्यभिचार साबित करना मुश्किल है, ईरान में न्यायाधीशों भी नहीं बल्कि सबूत से पेट भावना के आधार पर अपराधी सकते हैं . पत्थरवाह की भी तरीके से महिलाओं के खिलाफ भरी हुई है. ईरान में पत्थरवाह की सजा सुनाई लोग आंशिक रूप से दफन कर रहे हैं . वे बच सकते हैं यदि वे बच रहे हैं . पुरुषों केवल उनके कमर को ऊपर दफन कर रहे हैं लेकिन जब महिलाओं प्रथानुसार उनके चेस्ट अप करने के लिए दफन कर रहे हैं . कई प्रमुख मुस्लिम मौलवियों संयुक्त राष्ट्र के इस्लामी और पश्चाताप और करुणा पर कुरान के जोर को असमाजिक यह दीमीग् , पत्थरवाह पर प्रतिबंध के समर्थन में बात की है। शमीम पत्थरवाह ज्यादातर वे सत्ता के लिए जॉकी के रूप में राजनीतिज्ञों , सरदारों और आतंकवादियों लोगों के धार्मिक विश्वासों का फायदा उठाने जहां संघर्ष या बाद संघर्ष क्षेत्रों में हुआ था। इस्लामी उग्रवादियों देश के उत्तर का नियंत्रण ले लिया बाद मेन् माली पिछले साल अपने पहले मामले को देखा. बीबी के मामले में , आदिवासी अदालत ने एक मोबाइल फोन मालिक के लिए एक सजा के रूप में पत्थरवाह जायज क्यों होना चाहिए , यह स्पष्ट नहीं है । शमीम संचालित और पत्थरवाह का खतरा " , महिलाओं पर नियंत्रण उनकी स्वतंत्रता को विवश है, और अपनी कामुकता पुलिस " का इस्तेमाल किया जा रहा था. पत्थरवाह का खतरा भी ट्यूनीशिया , पत्थरवाह का कोई इतिहास के साथ एक अपेक्षाकृत उदार देश में हुआ है। इस साल, सदाचार का संवर्धन और ट्यूनीशिया में उपराष्ट्रपति की रोकथाम के लिए आयोग के प्रमुख ऑनलाइन खुद की नग्न विरोध छवियों पोस्टिंग के लिए मौत की पत्थरवाह होने के लिए एक किशोर कार्यकर्ता के लिए कहा जाता है ।

कार ख्रराब होने के कारण एक पत्रकार इरान के एक गाओ मे फस गया था। वो पत्रकार ज़ारा नामक एक औरत से मीलने आया है। ज़ारा अपनी भतीजी की दर्द्नाक काहानी बताना चाहती थी। उसकी भतीजी का नाम सोराया था। सोराया का पीछले दिन शीघ्र हूआ। ज़ारा पत्र्कार को सोराया की काहानी सुनाती है ओर सारी काहानी टेप रीकोड़र मे रीकोङ कर लेती है। अली सोराया का पती है वो गाओ के मौला को सोराया को मनाने को केहता है की वो उसे तालाक देने को मान जाये जिससे वो अपने पसनद की १४ साल की लड़की से पुनः शादी कर सके। अली और सोराया के तीन ब्च्चे है। दो लड़के और एक लड़की । सोराया अली को तलाक देने से मना कर देती है। अली सोराया को मार्ता था की शायद तब वो उसे तलाक देदे परन्तु सोराया नही मानी।

अली ने अपने लड़को को भी सोराया के खीलाफ कर देता है। सोराया के ब्च्चे भी उस से अच्चे से बात नही करते थे और अपने पीता को सही मानते थे। अली के केहने पर मौला सोराया को मनाने की कोशिश करता है। वो सोराया को बोलता है की वो अली को तलाक देदे और उससे शादी कर ले और बदले मे वो उसकी दो लड़कियो का ख्याल रखेगा। परन्तु सोराया बिलकुल मना कर देती है। उसे पता है की ये सब कुछ अली ने बोला है जिससे वो दूसरी शादी कर सके। सोराया के मना करने पर अली को गुस्सा आ जाता है। वो सोराया के पास जाता है परन्तु तभ भी सोराया नही मान्ती है। अली और सोराया के बीच्च लड़ाई हो जाती है।सोराया गुस्से मे पलेट तौड़ देती है और अली सोराया को ब्च्चो के सामने ही मार देता है। कुछ दीनो बाद गाओ के एक घर मे औरत की मौत हो जाती है। गाओ का मौलवी ज़ारा का केहता है की वो सोराया को मनाए की वो उस घर का ख्याल राखे। ज़ारा बोलती है की वो सोराया को तभी काम करने देगी अगर वो उसे काम करने के पेसे देॱगेॱ।

सोराया एक नेक इनसान थी। वो कीसी का भी बूरा ना करती थी नाही कीसी के साथ बूरा होने देती थी। सोराया उस घर के लीये काम करना शुरु कर देती है। सोराया रोज सूबाह उस घर जाती थी वहा पर वो घर समालती थी। घर मे एक छोटा ब्च्चा थ और उसका पीता था। उसका पीता काम पर जाता था और सोराया घर मे उस ब्च्चे का खयाल रख्ती थी। इस बात का फायदा अली बहुत अच्चे से उठाता है। अली इस बात का फायदा उठाता है और ये बात फैला देता है की सोराया उसे धोखा दे रही है। वो बोलता है की सोराय का उस आदमी के साथ सम्बन्ध है। वो ये भी केहता है की सोराया पवित्र नही है। अली और गाओ का मौलाना ये बाते पूरे गओ मे फेला देते है। एक दिन ज़ारा कुछ काम से बाहर जाती तो उसे ये पता चलता है की उसकी भतीजी पर झूठी झूठी बाते फैली हूई है।

अली और मौलाना को सिर्फ एक और गवाह की ज़रुरत थी और फिर वो सोराया को गलत ठेरा सकते थे। ज़ारा गाओ के मौलाना को बोलती है की सोराया बेगुना है परन्तु मौलाना अली का साथ देता है और बोलता है की नही अली ने कुछ नही कीया है। अली और मौलाना उस आदमी के घर जाता है और उसे धमकी देता है की वो उनकी योजना मे साथ दे। वो आदमी घबरा जाता है। और घबराहट मे हा बोल देता है। इस्लाम मे ये नीयम था की अगर कोइ औरत अपने पती को धोका देती है तो पूरे गओ के सामने उस औरत का पत्थरवाह कीया जाता है।

कुछ दिन बात सोराया को सभी गूनेगार मानने लगते है। ज़ारा को ये बात पता चलती है। वो गाओ के मौलाना से लड़ती है परन्तु वो बोलत है कि वो कुछ नही कर सकता है कयूकि सोराया का गूनाह साबित हो चुका है। शीघ्र सोराया का पत्थरवाह घोशित कीया गया था। पूरा गाओ सोराया के पत्थरवाह को देखने आता है।

ज़ारा बहुत दुखी होती है। सोराया को अपनी लड़की की चिनता होती है। वो बहुत रोती है। ये देख कर ज़ारा बहुत असहाय मेहसूस करती है परन्तु वो कुछ नही कर पाती है। अली सोराया को सब के सामने गली मे ले कर आता है। वो उसे सब के समने मारता है और चिलला चिलला के सब को बोलता है की सोराया उसकी पतनी ने उसको धोका दीया है। ज़ारा क मन नही मानता था। वो उस आदमी के पास जाती है। वहा अली और मौलाना भी होते है। वो आदमी अली का साथ देता है और बोलता है कि हा उसका और सोराया का नाजायज़ रिशता था। ज़ारा को पता था कि वो सब झुठ बोल रहे है। ज़ारा सोराया के साथ भाग ने की कोशिश करती है परन्तु जब उसे एहसास हुआ की वो वहा से नही भाग सकती है। तब वो गाओ के मुखिया के पास जा कर उनसे प्रथ्ना करती है कि वो सोराया की जगह लेले प्रन्तु मुखिया बोलता है कि एसा नही हो सकता है।

सोराय के पत्थरवाह से पहले एक नाटक करने वाले लोग आते है। परन्तु लोग उनहे वहा से भगा देते है। वो नाटक करने वाले लोग भी कोने मे खड़े होकर सोराया का पत्थरवाह देखते है। पत्थरवाह के दौरान गाओ के लोग उस दोशी पे तभ तक पत्थर फेकते है जब तक उस वयक्ती की मौत नही हो जाती है। सोराया के पत्थरवाह के दौरान उसके पीता को पेहला पत्थर फेकने को दीया जाता है। सोराया के पिता उसे अस्वीकार कर देते है। वो उस पर पत्थर फेकते है परन्तु वो चूक जाता है। तभी भीड़ मे से एक औरत बोल्ती है की पत्थर का चूकना ये प्रतीक है की सोराया बेगूना है। परन्तु कोइ भी उसकी बात नही सुनता है। अली खुद ही पत्थर फेकने लगता है। सोराया के ब्च्चे भी उस पर पत्थर फेकते है। वो आदमी जिसके घर मे सोराया काम करती थी उसे भी पत्थर दीया गया परन्तु वो वहा से चला गया। फिर बाकी गाओ वाले भी सोराया पे पत्थर फेकते है। लोग उस पर पत्थर तब तक फेकते है जब तक उसकी मौत नही हो जाती है।

ज़ारा काहानी सुनाते हुए पकड़ी जाती है। तभी अली को खबर दी जाती है की उसकी शादी नही हो सकती है क्युकी वो उस लड़की के पिता को रीहा नही करवा सका था। सोराया की काहानी सुनने के बाद वो पत्र्कार अपनी गाड़ी से वापस जाता है। तभी मौलाना गार्ड को उस पत्र्कार को रोकने को बोलता है। गार्ड उससे टेप ले लेता है और उसे ख्रराब कर देता है। ज़ारा को पता था की वो लोग टेप खराब कर देंगें इसीलिये उसने एक और टेप बना लीया था। ज़ारा उस पत्र्कार से गली मे मिल्ती है और उसे दूसरा टेप दे देती है। ज़ारा फिर केहती है कि अब पुरी दुनिया को पता चलेगा की सोराया के साथ कितना बड़ा इनसाफ हुआ है।