वार्ता:मुक्तक

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मेरे विचार से 'मुक्तक' की यहाँ दी हुई परिभाषा ठीक नहीं है। मुक्तक काव्य वह काव्यहै जिसमें विचार का प्रवाह किसी एक निश्चित दिशा में नहीं चलता है बल्कि टेढ़ा-मेढ़ा (नॉन-लिनियर) चलता है। इसमें किसी एक विषय पर बात नहीं होती है बल्कि बिना किसी क्रम के अनेकानेक चीजों पर कविता होती है। उदाहरण के लिये कबीर का काव्य मुक्तक है किन्तु रामचरितमानस मुक्तक नहीं है।

अनुनाद सिंह ११:०४, १७ जून २००९ (UTC)