वार्ता:बगीना

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बगीना गांव सवाई माधोपुर - शिवाड़ सड़क मार्ग पर बनास नदी के किनारे पर स्थित है । यहाँ हनुमानजी का प्राचीन मंदिर खेड़ा के बालाजी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है । तुलसीराम गोचर (वार्ता) 10:57, 8 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]

रहन - सहन[संपादित करें]

बगीना गांव मे मीणा, बैरवा, राजपूत और कीर जाति की जनसंख्या अधिक है । इनके अलावा यहां गुर्जर, ब्राह्मण, बैरागी, कोठारी और कलाल बिरादरी के लोग भी निवास करते है । बुजुर्ग पुरूष धोती और कुर्ता तथा महिलाए घाघरा - लूगड़ी एवं युवा पुरूष पेन्ट शर्ट और युवतियाँ साड़ी, सूट और घाघरा लूगड़ी ही पहनती है । आधुनिक भारतीय परिधानों का भी प्रचलन यहाँ हो रहा है । तुलसीराम गोचर (वार्ता) 11:11, 8 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]

यह गांव आज तक भी यातायात की दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ है क्योंकि यहाँ से किसी भी कस्बे तक जाने के लिए न तो अच्छा सड़क मार्ग है और न ही कोई यातायात का साधन ।

तुलसीराम गोचर (वार्ता) 11:14, 8 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]

शिक्षा के क्षेत्र मे भी बगीना काफी पिछड़ा हुआ है ।इस गांव से अब तक केवल 10 - 12 लोग ही राजकीय सेवा मे कार्यरत है और यहां एकमात्र सरकारी स्कूल है । तुलसीराम गोचर (वार्ता) 11:18, 8 जून 2018 (UTC)[उत्तर दें]