वार्ता:पशुपति मुहर

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पशुपति शिव की पूजा[संपादित करें]

मोहनजोदड़ों में एक मुद्रा मिली है, जिस पर एक पुरुष को एक उच्च सिंहासन पर योगसन की मुद्रा में विराजमान दिखाया गया है! और उसके तीन मुख हैं, उसके सिर पर सींगों वाला ऊँचा मुकुट है! जो त्रिशूल की शक्ल का है, उसके दाएँ ओर चिता और हाथी तथा बाएं ओर गैंडा और भैंसा मौजूद पशु हैं! उसके आसन के नीचे दो हिरण आमने - सामने खडें हैं, विद्वानों ने इसको शिव का रूप माना है!


" सिंधुवासी पशुओं की भी पूजा करते थे! सिंधु में बड़े सींगों वाला कूबड़दार बैल तथा श्रंगयुक्त पशु पूज्य माना जाता था,लेकिन गया का आंकलन मुहरों पर नही दिखता हैं! किन्तु उसकी पवित्रता भी प्रचलन के रूप में रही होगी,इसे विद्वानों ने पौराणिक काल के शिव वाहन नन्दी का रूप माना है! कुछ जंगली पशु भी सिंधु सभ्यता में पूज्य माने जाते थे! " Dushyant lodhi (वार्ता) 05:43, 9 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें