सर्वरक्षक परमेश्वर प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप को हम अन्तःकरण में धारण करें।
वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे ।
भावार्थ पद्य
तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू |
तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियो के कष्ट हरता है तू ||
तेरा महान तेज है, छाया हुआ सभी जगह |
सृष्टि की वस्तु-वस्तु में, तू हो रहा है विद्यमान ||
तेरा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया |
ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ट मार्ग पर चला