वार्ता:ओमप्रकाश वाल्‍मीकि

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  • ओमप्रकाश वाल्मीकि हिंदी साहित्य के वंचित साहित्येतिहास (दलित साहित्य) धारा के प्रतिनिधि साहित्यकारों में से एक हैं। हालांकि उक्त लेख में संदर्भों का अभाव है किंतु अन्य सदस्यों के योगदान से इसे बेहतर और ज्ञानकोषीय बनाया जा सकता है। यह पृष्ठ हटाने योग्य नहीं है अपितु ध्यानसूची में रखकर सुधारने योग्य है। --अजीत कुमार तिवारी 08:55, 5 जून 2012 (UTC)
  • मन मर्जी का सांचा लगाकर किसी भी लेख को हटाना एक तरह का अतिवाद है. पता नहीं श्रीमान लवी सिंघल कौनसी दुनिया में रहते हैं कि उन्‍हें ओमप्रकाश वाल्‍मीकि का महत्‍व नहीं पता. मैं अजीत कुमार तिवारी की बात से पूरी तरह सहमत हूं कि यह पृष्‍ठ हटाने योग्‍य नहीं, ध्‍यानसूची में रखकर सुधारने योग्‍य है.
  • ओमप्रकाश वाल्‍मीकि के बिना हिंदी साहित्‍य में दलित विमर्श की बात ही नहीं की जा सकती. उनकी आत्‍मकथा 'जूठन' दलित साहित्‍य में मील के पत्‍थर की तरह बनी हुई है. लवी सिंघल भूल रहे हैं कि 'जूठन' का अंग्रेजी अनुवाद कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस से छपा है.[1] --समीर (वार्ता) 13:04, 5 जून 2012 (UTC)[उत्तर दें]
  • सविनय निवेदन है कि किसी भी व्यक्ति पर संलिप्त लेखन न किया जाय। जीवन की कठिनाईयों का अधिक ब्यौरा किसी ब्लॉग पर स्वतंत्र लेख में दें तो ही बेहतर होगा। ज्ञानकोषीय लेख की तटस्थता खण्डित होने पर महत्वपूर्ण विषयों के लेख भी संदिग्ध लगते हैं और उन्हें हटाने तक के लिए नामांकित कर दिया जाता है। समस्त संवेदनशील संपादन कृपया इसका ध्यान रखें। सधन्यवाद। ---अजीत कुमार तिवारी 15:46, 7 जून 2012 (UTC)