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वार्ता:आपस का मज़ाक

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Latest comment: 13 वर्ष पहले by Hunnjazal in topic ज़रा सुनिए

ज़रा सुनिए

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भविष्य में इसे सम्पादित करने वालों के लिए इस लेख से सम्बंधित कुछ संक्षिप्त इतिहास:

  • सदस्य:Lovysinghal और सदस्य:Hunnjazal ने इस लेख का सही नाम चुनने के लिए बहुत जतन किया। अंग्रेज़ी में "inside joke" बोलने पर सभी अंग्रेज़ीभाषी क्षण में समझ जाते हैं कि इसका अर्थ क्या है। दोनों सदस्यों ने हिन्दी में इसकी बराबरी का नाम पाने का प्रयत्न किया:
    • "अन्दर का चुटकुला" या "अन्दर का लतीफ़ा" - यह अच्छा अनुवाद नहीं क्योंकि इस जुमले का हिन्दी में कोई पहले से प्राकृतिक अर्थ नहीं है। ऐसे अनुवाद से ज्ञानकोष कमज़ोर पड़ता है।
    • "आपस की बात" - यह अधिक अच्छा था, क्योंकि यह हिन्दी की प्राकृतिक लोकबोली में दो व्यक्तियों या व्यक्ति-समुदाय में आपस में समझ आने वाली बात या रहस्य होता है। लेकिन इसमें व्यंग्य का अर्थ नहीं निकलता, जो की "inside joke" में है।
    • "आपस का मज़ाक" - यह बिलकुल ठीक बैठा। यह लोकबोली में भी प्रचलित है। दोनों सदस्यों ने इसे ही चुना।

कृपया एक बात की ओर ध्यान दें (यह Hunnjazal का व्यक्तिगत मत है, लेकिन पढ़ लें) -

  • मुहावरे और इडियम (idiom) भाषा की जान होते हैं। यह कभी-कभी सैंकड़ों साल चले-चले आते हैं क्योंकि उन शब्दों की शृंखला में ऐसा रस होता है। इनका मानकीकरण इनकी हत्या करने के बराबर है। हिन्दी में एक "आपस का मज़ाक" बना हुआ है जो अंग्रेज़ी के "inside joke" के बराबर है। इसका "आपस का व्यंग्य" करने से यह तो मर जाएगा लेकिन "आपस का व्यंग्य" नहीं चलेगा। एक व्योम रह जाएगा जो अंग्रेज़ी भरेगी क्योंकि "inside joke" एक समय की कसौटी में सफल जुमला है। हज़ारों ऐसे मुहावरे बनते हैं और उनमें से कुछ ही चलते हैं - कोई नहीं जानता की कौन सा इडियम कामयाब होगा। मुहावरों और लोकबोलियों की पूँजी सैंकड़ों साल में बनती है। उसे ख़त्म कर सकते हैं, लेकिन दुबारा बनाना लगभग असंभव है। वास्तव में होता यह है कि भाषा ही सिकुड़ जाती है।

आगे आप स्वयं हिन्दी के हितैषी हैं, इसलिए आपने विवेक के अनुसार निडरता से इस लेख को बदलें और आगे बढ़ाएँ! धन्यवाद! --Hunnjazal (वार्ता) 16:54, 12 अगस्त 2011 (UTC)उत्तर दें