वार्ता:आतपन

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

सूर्य के केन्द्रीय भाग में निरंतर नाभकीय संलयन की चलती रहती है । जिससे आपर ऊर्जा मुक्त होती है । सूर्य अपनी इस ऊष्मा / ऊर्जा को लगातार में विकसित करता रहता है । पृथ्वी तक यह विकिरण के रूप में पहुंचता है । इसे ही सूर्यातप या आतपन / सौर विकिरण कहते है ।

सूर्य के केन्द्रीय भाग में निरंतर नाभकीय संलयन की चलती रहती है । जिससे आपर ऊर्जा मुक्त होती है । सूर्य अपनी इस ऊष्मा / ऊर्जा को लगातार में विकसित करता रहता है । पृथ्वी तक यह विकिरण के रूप में पहुंचता है । इसे ही सूर्यातप या आतपन / सौर विकिरण कहते है । Aniket Babu (वार्ता) 15:41, 26 जून 2020 (UTC)[उत्तर दें]