ललितादित्य मुक्तपीड

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जम्मू-कश्मीर का मार्तण्ड मंदिर का दृष्य ; यह चित्र सन् १८६८ में जॉन बर्क ने लिया था

ललितादित्य मुक्तापीड (राज्यकाल 724-761 ई) कश्मीर के कार्कोट राजवंश के हिन्दू कायस्थ सम्राट थे।[1][2]उनके काल में कश्मीर का विस्तार मध्य एशिया और बंगाल तक पहुंच गया। उन्होने अरब के मुसलमान आक्रान्ताओं को सफलतापूर्वक दबाया तथा तिब्बती सेनाओं को भी पीछे धकेला। उन्होने राजा यशोवर्मन को भी हराया जो हर्ष का एक उत्तराधिकारी था। उनका राज्‍य पूर्व में बंगाल तक, दक्षिण में कोंकण तक पश्चिम में तुर्किस्‍तान और उत्‍तर-पूर्व में तिब्‍बत तक फैला था। उन्होने अनेक भव्‍य भवनों का निर्माण किया।

कार्कोट राजवंश की स्थापना कायस्थ दुर्र्लभवर्धन ने की थी। दुर्र्लभवर्धन गोन्दडिया वंश के अंतिम राजा बालादित्य के राज्य में अधिकारी थे। बलादित्य ने अपनी बेटी अनांगलेखा का विवाह एक सुन्दर लेकिन गैर-शाही व्यक्ति कायस्थ दुर्र्लभवर्धन के साथ किया।[3]

कार्कोटक एक नाग का नाम है, ये मातृपक्ष से नागवंशी कार्कोटक क्षत्रिय और पितृपक्ष से चित्रवंशी (चित्रगुप्तवंशी कायस्थ) क्षत्रिय थे। प्रसिद्ध इतिहासकार आर सी मजुमदार के अनुसार ललितादित्य ने दक्षिण की महत्वपूर्ण विजयों के पश्चात अपना ध्यान उत्तर की तरफ लगाया जिससे उनका साम्राज्य काराकोरम पर्वत शृंखला के सूदूरवर्ती कोने तक जा पहुँचा।

साहस और पराक्रम की प्रतिमूर्ति सम्राट ललितादित्य मुक्तापीड का नाम कश्मीर के इतिहास में सर्वोच्च स्थान पर है। उसका सैंतीस वर्ष का राज्य उसके सफल सैनिक अभियानों, उसके अद्भुत कला-कौशल-प्रेम और विश्व विजेता बनने की उसकी चाह से पहचाना जाता है। लगातार बिना थके युद्धों में व्यस्त रहना और रणक्षेत्र में अपने अनूठे सैन्य कौशल से विजय प्राप्त करना उसके स्वभाव का साक्षात्कार है। ललितादित्य ने पीकिंग को भी जीता और 12 वर्ष के पश्चात् कश्मीर लौटा।[4]

कश्मीर उस समय सबसे शक्तिशाली राज्य था। उत्तर में तिब्बत से लेकर द्वारिका और उड़ीसा के सागर तट और दक्षिण तक, पूर्व में बंगाल, पश्चिम में विदिशा और मध्य एशिया तक कश्मीर का राज्य फैला हुआ था जिसकी राजधानी प्रकरसेन नगर थी। ललितादित्य की सेना की पदचाप अरण्यक (ईरान) तक पहुंच गई थी।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  1. Jameel, Yusuf (2018-08-16). "Shiva's abode in Kashmir lies in a shambles". Deccan Chronicle (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-06-03.
  2. "मार्तण्ड सूर्य मंदिर". Drishti IAS (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-06-03.
  3. "DNA ANALYSIS: कश्मीर के मार्तंड सूर्य मंदिर की 500 साल पुरानी गवाही, मुस्लिम शासकों ने ऐसे तोड़ा मंदिर". Zee News Hindi. अभिगमन तिथि 2021-08-30.
  4. https://www.dailyexcelsior.com/emperor-lalitaditya-muktapida-of-kashmir/