रोस्सी मंडप

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मोइका नदी के पार से रोस्सी मंडप का दृश्य

रोस्सी मंडप ( रूसी: Павильон Росси ) सेंट पीटर्सबर्ग में मिखाइलोव्स्की उद्यान में मोइका नदी के तट पर स्थित एक मंडप है। इसका रूपांकन वास्तुकार कार्लो रोस्सी द्वारा १८२० के दशक के प्रारंभ में किया गया था, तथा उन्हीं के द्वारा उद्यान के पुनर्विकास के समय सन् १८२५ में इसका निर्माण हुआ था।

जिस स्थान पर अब मंडप स्थित है, वहाँ पहले नगर के प्रारंभिक साम्राज्यिक प्रासादों में से एक, पीटर महान की पत्नी महारानी काथरीन का स्वर्ण भवन स्थित था। इस प्रासाद को १७६८ में काथरीन महान के आदेश पर ध्वस्त कर दिया गया था, एवं मिखाइलोव्स्की भवन परिसर के निर्माण के भाग के रूप में १८२० के दशक के प्रारंभ में ही इसका पुनर्विकास किया गया था। नए ढाँचे के भाग के रूप में, प्रासाद और मोइका नदी के बीच के उद्यानों को अंग्रेज़ी परिदृश्य उद्यान की शैली में बनाया गया था। रोस्सी द्वारा नवशास्त्रीय शैली में रूपांकित किया गया यह मंडप, नदी किनारे आनंद और ताज़गी के लिए एक क्षेत्र प्रदान करने के लिए बनाया गया था, जिसमें एक घाट भी था जहाँ नावें खड़ी की जा सकती थीं। यह मंडप सोवियत काल में भी बचा रहा और २००० के दशक के प्रारंभ में विस्तृत रूप से हुए उद्यान के जीर्णोद्धार का भाग रहा था। इसी कार्य के भाग के रूप में, मंडप में कार्लो रोस्सी की एक अर्द्धप्रतिमा भी स्थापित की गई थी।

अवस्थिति और रूपांकन[संपादित करें]

उद्यान से मंडप का दृश्य

यह मंडप मोइका नदी के दक्षिणी तट पर, मिखाइलोव्स्की उद्यान के उत्तरी छोर पर स्थित है। नवशास्त्रीय शैली में रूपांकित इस मंडप में दो चौकोर कमरों को जोड़ती एक खुली डोरिक स्तंभावली, ढलवाँ लोहे की बाड़ें, और एक घाट है, जिस तक कणाश्म (ग्रेनाइट) से निर्मित दो सीढ़ियों से पहुँचा जा सकता है।[1][2] यह मंडप उद्यान के पूर्व में है, एवं दक्षिण में मिखाइलोव्स्की भवन की केंद्र रेखा से बाहर, किन्तु उत्तर में मंगल उद्यान ( रूसी: मार्सव पोल्ये, अंग्रेज़ी: फ़ील्ड ऑफ़ मार्स [en] ) की केंद्र रेखा की सीध में स्थित है। इसके लिए यह कारण दिये जाते हैं कि या तो रोस्सी ने पश्चिम में एक दूसरे मंडप के निर्माण की योजना बनाई थी, जिससे मिखाइलोव्स्की भवन से और तक एक सममित दृश्य बन सके, किंतु वह दूसरा मंडप कभी बनाया नहीं गया; या फिर रोस्सी ने मिखाइलोव्स्की समूह को नदी के दूसरी ओर मंगल उद्यान वाले समूह के साथ जोड़ने के लिए जानबूझकर यह विकल्प चुना था।[2][3][4]

मंडप के स्थान पर पहले पीटर महान की पत्नी महारानी काथरीन का स्वर्ण भवन हुआ करता था। यह उद्यान पीटर द्वारा काथरीन को सन् १७१२ में उनके निवास के लिए प्रदान किया गया था, जो कि एक अपेक्षाकृत छोटा लकड़ी का निर्माण था, जिसे उसका नाम उसके स्वर्णिम शिखर तथा सुनहरे चमड़े से सजे कमरों के कारण मिला था। सन् १७६८ में काथरीन महान के आदेश पर उसे ध्वस्त कर दिया गया था।[5][6]

निर्माण एवं इतिहास[संपादित करें]

मंडप में वास्तुकार कार्लो रोस्सी की प्रतिमा

यह मंडप सन् १८१७ में सम्राट अलेक्सांदर प्रथम के आदेश पर प्रारंभ हुए उद्यान और उसके आसपास के क्षेत्रों के सामान्य पुनर्निर्माण का भाग रहा था। इसका मुख्य आकर्षण उनके छोटे भाई ग्रांड ड्यूक माइकल पाव्लोविच के लिए एक नया प्रासाद परिसर होना था। प्रासाद का रूपांक रोस्सी द्वारा बनाया गया था, जबकि उद्यान की योजना रोस्सी और एडम मेनेलॉज़ द्वारा तैयार की गई थी, और अप्रैल १८२२ में सम्राट द्वारा अनुमोदित की गई थी।[5][7] उद्यान की योजनाओं में अंग्रेज़ी परिदृश्य उद्यानों की शैली और तकनीकों का पालन किया गया, जो कि अठारहवीं शताब्दी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हो चुके थे।[7] पहले से उपस्थित तालाबों को अधिक प्राकृतिक घुमावदार आकार दिया गया तथा मार्गों के किनारे वृक्षों के मनोरम जुटों को लगाया गया। रोस्सी द्वारा रूपांकित किया गया और १८२५ में पूर्ण हुआ यह मंडप और इसका घाट इस समूह का हिस्सा था, और यह "गर्मियों की साँझों को एक प्याली चाय अथवा खेलने के पत्तों सहित प्रेममयी बैठकों के लिए" उद्देशित था।[5][7] रोस्सी ने स्वयं ही घाट के लिए बाड़ों का रूपांकन तैयार किया था, जिसे अलेक्सांद्रोव्स्की लोहा ढलाईघर [ru] द्वारा ढाला गया था।[5] मंडप के दोनों कक्षों के बचे हुए एक विवरण में यह अभिलिखित है कि एक में "छत को नींबू के रंग की आकृतियों और अरबस्कों से रंगा गया है। द्वारों, खिड़कियों तथा दर्पणों के ऊपर मेहराबों पर गचकारी की गई है ... भित्तियों को पीले रंग से रंगा गया है ... फ़र्नीचर महोगनी है ... पीले फूलों के साथ नीले छींट के कपड़े की फ़र्नीचर की गद्दियाँ।" दूसरे में, भित्तियाँ हरे रंग की हैं, "छत को हरे रंग की आकृतियों और अरबस्कों से रंगा गया है, महोगनी फ़र्नीचर को पीले फूलों के साथ हरे रंग के छींट के कपड़ों से ढँका गया है।"[5]

मंडप को २००२ और २००४ के बीच किए गए जीर्णोद्धार कार्य में सम्मिलित किया गया था, जिसके अंतर्गत उद्यानों को रोस्सी के मूल रूपांक के अनुसार पुनर्स्थापित किया गया था। इस समय मंडप में रोस्सी की एक अर्द्धप्रतिमा, जो कि निकोलाई पिमेनोव की एक कृति की प्रतिलिपि थी, को स्थापित किया गया था।[4][5] १० जुलाई २००१ को मंडप को "संघीय महत्त्व की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर की वस्तु" नामित कर दिया गया था।[8]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. बोग्लाचेव, एस॰ वी॰. "Михайловский сад". encspb.ru (रूसी में). अभिगमन तिथि २६ जुलाई २०१९.
  2. "Павильон Росси". visit-petersburg.ru (रूसी में). अभिगमन तिथि ३१ जुलाई २०१९.
  3. "Павильон Росси в Михайловском саду". citywalls.ru (रूसी में). अभिगमन तिथि ३१ जुलाई २०१९.
  4. "Павильон Росси". ipetersburg.ru (रूसी में). अभिगमन तिथि ३१ जुलाई २०१९.
  5. "Михайловский сад". walkspb.ru (रूसी में). अभिगमन तिथि २६ जुलाई २०१९.
  6. "Michael Garden". saint-petersburg.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि ३१ जुलाई २०१९.
  7. "Михайловский сад". Gardens of the Russian Museum (रूसी में). अभिगमन तिथि २६ जुलाई २०१९.
  8. "Подробная информация об объекте" (रूसी में). रूसी महासंघ का संस्कृति मंत्रालय. अभिगमन तिथि ३१ जुलाई २०१९.