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रोड़ राजवंश

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रोड़ राजवंश

450 ई.पू.–489 ई.
रोड़ राजवंश का ध्वज
ध्वज
राजधानीरोहड़ी, पाकिस्तान
धर्म
हिन्दू
सरकारसाम्राज्य
धज
इतिहास 
• स्थापित
450 ई.पू.
• अंत
489 ई.
परवर्ती
राय वंश
अब जिस देश का हिस्सा हैपाकिस्तान
भारत

रोड़ राजवंश (450 ई.पू.–489 ई.) सिन्ध का एक हिन्दू क्षत्रिय वंश था जिसने भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी-पश्चिमी भाग पर शासन किया।[1][2][3] इन्होंने रोड़ साम्राज्य की स्थापना की थी। इसकी स्थापना महाराजा धज ने की थी।[4]

450 ई० पू० में सम्राट धज उर्फ राजा रोड़ ने रोड़ राजवंश की स्थापना की थी | जिसने 450 ई॰पू॰ सिंध पर अगले एक हज़ार वर्षों 489 तक शासन किया।[5]

रोड़ साम्राज्य के लोग आज भी भारत के बहुत से राज्यों में रहते हैं। हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में इन्हें रोड़ और राजा रोड़ के नाम से जानते हैं। भारत के साथ साथ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और साउदी अरब के देशों में भी इनका निवास पाया गया है। माना जाता है कि क्षत्रिय होने के कारण बहुत से युद्धो में भी इन्होने अहम भूमिका निभाई थी। रोड़ वंश के राजाओं ने 450 ई० पू० से 489 ई०तक कश्मीर से लेकर कराची तक करीब साढ़े पंद्रह लाख वर्ग किलोमीटर पर शासन किया। रोड़ वंश के राजाओं के अनेक सिक्के मिले हैं।

450 ई० पू० से इस वंश के प्रमाण मिलते हैं। बाद में ये इलाका ईरानी शासन के अधीन रहा। लेकिन 450 ई० पू० से 489 ई० पू० तक ये शासन दूर दूर तक विस्तार पा गया। 489 ईशवी में इस वंश के अंतिम राजा ददरोड़ की हत्या, उनके कश्मीरी वैद्य और मंत्री राय दीवाजी ने कर दी।

रोड़ राजवंश एक प्राचीन वंश हैं। जिसका 800 वर्ष पहले अर्थात् 12वीं शताब्दी अर्थात् पृथ्वी राज चौहान के समय में एक भव्यशाली इतिहास रहा हैं।[6]

रोड़ जाती का इतिहास बहुत प्राचीन है। कुछ लोगों द्वारा रोड़ों का मराठा होने का दावा किया जाता है, परन्तु यह बातें निराधार हैं तथा भारत के इतिहास में रोड़ वंश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

शासकों की सूची

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रोड़ों ने लगभग 1000 वर्षों की अवधि तक शासन किया (450 ईसा पूर्व से 489 ईस्वी तक)।

राजा धज या रोड़ कुमार या राय दियाच (सिन्धी भाषा : راجاراءِ ڏياچ‎), सिन्धु राज्य के रोड़ साम्राज्य का एक महान राजा था जिसकी कथा सिन्ध में आज भी चाव से सुनी-सुनायी जाती है। उसने सोरठ नामक अत्यन्त सुन्दर स्त्री का हरण किया था। राजा धज की कथा आज भी हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और सिन्ध में बहुत प्रचलित हैं।

खंगड़ रोड़, रोड़ साम्राज्य का एक महान राजा और रोड़ राजवंश का सदस्य था। उसने रोड़ साम्राज्य को बहुत मजबूत, ताकतवर और बड़ा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।

ददरोड़, रोड़ साम्राज्य का आखरी राजा और रोड़ राजवंश का सदस्य था। उसको राय दीवाजी द्वारा जहर देकर रोड़ साम्राज्य को छीन लिया गया था जिससे राय वंश का राज स्थापित हुआ था।

सन्दर्भ

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  1. Jesuadian, Henry (2021-05-31). Ashoka's Lions: The Warrior Spirit of India (in अंग्रेज़ी). Vij Books India Pvt Ltd. ISBN 978-93-90439-93-5.
  2. Sario, Azhar ul Haque (2025-01-17). The Sindhi Language: A Journey Through Time (in अंग्रेज़ी). Azhar ul Haque Sario.
  3. Shah, Mushtaq Ali (2014-11-13). Mystic Melodies (in अंग्रेज़ी). Author House. ISBN 978-1-4969-9606-0.
  4. Asif, Manan Ahmed (2016-09-19). A Book of Conquest: The Chachnama and Muslim Origins in South Asia (in अंग्रेज़ी). Harvard University Press. ISBN 978-0-674-66011-3.
  5. श्री रामदास (२०००). आर्यवर्त एवं रोड़ वंश का इतिहास. ऑल-राउंड प्रिंटर्स: श्री रामदास. pp. 102 & 118.
  6. श्री रामदास (२०००). आर्यवर्त एवं रोड़ वंश का इतिहास. ऑल-राउंड प्रिंटर्स: श्री रामदास. p. 115.