रोग
रोग अर्थात अस्वस्थ होना। यह चिकित्साविज्ञान का मूलभूत संकल्पना है। प्रायः शरीर के पूर्णरूपेण कार्य करने में में किसी प्रकार की कमी होना 'रोग' कहलाता है। किन्तु रोग की परिभाषा करना उतना ही कठिन है जितना 'स्वास्थ्य' को परिभाषित करना।
परिभाषा
शरीर के किसी अंग/उपांग की संरचना का बदल जाना या उसके कार्य करने की क्षमता में कमी आना 'रोग' कहलाता है। सन् १९७४ तक विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दी गयी 'स्वास्थ्य' की परिभाषा यह थी-
- शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक तौर पर पूर्णतः ठीक होना ही स्वास्थ्य है; केवल रोगों की अनुपस्थिति को स्वास्थ्य नहीं कहते।
'रोग' की नवीनतम परिभाषा है-
रोगों के कारक
रोग उत्पन्न करने वाले कारको को रोगजनक/पैथोजन कहते है यह एंटीजन की तरह कार्य करते है जैसे-जीवाणु, वायरस,प्रोटोजोआ ,कवक, इत्यादि। एवं कुछ आनुवंशिक कारणों से भी रोग उत्पन्न होते है।
रोगकारक (pathogens)
जैविक
भौतिक तथा रासायनिक
सामाजिक
अनुवांशिक
रोगों का वर्गीकरण
कारकों के अधार पर रोग 2 प्रकार के होते हैं - जैविक (biotic / जीवाणुओं से होने वाले रोग) तथा अजैविक (abiotic / निर्जीव वस्तुओं से होने वाले रोग)
जैविक रोगकारक - कवक (फंगी), जीवाणु (बैक्टीरिया), विषाणु (वाइरस), माइकोप्लाज्मा
अजैविक कारक - ताप, आर्द्रता, नमी
रोग की अवस्थाएँ
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- मानव रोग
- मानव शरीर में जीवाणुओं (बैक्टीरिया) द्वारा होने वाले प्रमुख रोग
- भिन्न प्रकार के रोग एवं उनके लक्षण
- व्याधि विज्ञान, भाग-२ (गूगल पुस्तक; लेखक - आशानन्द पंचरत्न)
- सात खतरनाक बीमारियाँ और उनसे बचने के उपाय (तरकश)
- रोगों के हिन्दी और अंग्रेजी नाम