रेलवे स्टेशन

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कटरा रेल स्टेशन
लखनऊ चारबाग रेल स्टेशन

रेलवे स्टेशन, रेलगाड़ियों के रुकने का एवं यात्रियों के लिए ट्रेन या रेल पर चढ़ने उतरने का स्थान होता है।

एक ट्रेन स्टेशन, रेलवे स्टेशन, रेलरोड स्टेशन या डिपो एक रेलवे सुविधा या क्षेत्र है जहाँ ट्रेनें नियमित रूप से यात्रियों, माल या दोनों को भरने अथवा उतारने के लिए रुकती हैं। इसमें आम तौर पर कम से कम एक प्लेटफॉर्म, एक ट्रैक और एक स्टेशन भवन होता है जो टिकट बिक्री, प्रतीक्षा गृह और सामान/माल सेवा जैसी सहायक सेवाएँ प्रदान करती है। यदि कोई स्टेशन सिंगल-ट्रैक लाइन पर है, तो ट्रैफिक की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए इसमें अक्सर एक पासिंग लूप होता है।

ऐसे स्थान जहां यात्री कभी-कभी ट्रेन में चढ़ते या छोड़ते हैं, कभी-कभी एक छोटा प्लेटफॉर्म और एक प्रतीक्षा शेड होता है, लेकिन कभी-कभी एक संकेत से अधिक नहीं दर्शाया जाता है, उन्हें विभिन्न रूप से "स्टॉप", "फ्लैग स्टॉप", "हॉल्ट्स" कहा जाता है। या "अनंतिम रुकने वाले स्थान"।

स्टेशन जमीनी स्तर पर, भूमिगत या ऊँचे हो सकते हैं। रेल लाइनों या अन्य परिवहन साधनों जैसे बसों, ट्रामों या अन्य रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को इंटरसेक्ट करने के लिए कनेक्शन उपलब्ध हो सकते हैं।

सन्दर्भ[संपादित करें]

Railway Station को हिंदी में क्या कहते हैं?[संपादित करें]

रेलवे स्टेशन को हिंदी में[मृत कड़ियाँ] "लौह पथ गामिनी विराम बिंदु" और "लौह पथ गामिनी विश्राम स्थल" कहा जाता है। देशी भाषा में इसे कई बार "रेलगाड़ी पड़ाव स्थल" भी कहा जाता है।

रेलवे का इतिहास (Railway’s History)[संपादित करें]

भारतीय रेलवे का इतिहास बहुत प्राचीन है और यह देश की विकास की गति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रेलवे का विकास 16 वीं शताब्दी में ब्रिटिश शासनकाल में शुरू हुआ था।

1853 में भारत की पहली रेलगाड़ी बॉम्बे (आज के मुंबई) और ठाणे के बीच 34 किलोमीटर की दूरी पर चलने लगी। इस रेलगाड़ी का नाम "विक्टोरिया" रखा गया था। इसके बाद, अन्य शहरों में भी रेलवे लाइनें बनीं और रेलगाड़ियां चलने लगीं। यह ब्रिटिश शासनकाल में रेलवे का निर्माण मुख्य रूप से व्यापार, शिक्षा, स्थानीय प्रशासन और सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से हुआ। रेलवे ने लोगों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए, उन्हें अधिक यात्रा सुविधाएं प्रदान कीं और व्यापार को बढ़ावा दिया। समय के साथ, रेलवे का नेटवर्क और रेलगाड़ीयों की संख्या बढ़ती गई। नई लाइनें खोली गईं और अधिक शहरों को रेलवे से जोड़ा गया। भारतीय रेलवे ने तकनीकी उन्नति की और इलेक्ट्रिक इंजनों का उपयोग किया। आज, भारतीय रेलवे विश्व की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है जिसमें लाखों किलोमीटरों की लंबाई पर रेलगाड़ियां चलती हैं। रेलवे के माध्यम से लोग दूर दराज के स्थानों तक जा सकते हैं और अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं। भारतीय रेलवे ने अपनी सेवाएं और सुविधाएं भी मोडर्नीज़ेशन की हैं। ऑनलाइन टिकट बुकिंग, मोबाइल एप्लिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक बोर्डिंग पास जैसी तकनीकी सुविधाएं लागू की गई हैं। इस प्रकार, भारतीय रेलवे का इतिहास एक गर्वनिदेश है जो देश के परिवहन के क्षेत्र में विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।