राष्ट्रीय विकास परिषद (भारत)

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राष्ट्रीय विकास परिषद् भारत में विकास के मामलों पर निर्णय लेने तथा उनपर विचार-विमर्श के लिए बनाया गया एक कार्यकारी निकाय है, जिसकी अध्यक्षता प्रधान मंत्री करते हैं। इसकी स्थापना 6 अगस्त सन् 1952 को हुई थी। इसकी स्थापना योजना आयोग द्वारा बनाई गई पंचवर्षीय योजनाओं के समर्थन में[1] राष्ट्र के प्रयासों और संसाधनों को मज़बूत करने तथा उन्हें गतिशील बनाने, सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सामान्य आर्थिक नीतियों को बढ़ावा देने और देश के संतुलित तथा तीव्र विकास को सुनिश्चित करने आदि के लिए की गई थी। इस परिषद् में प्रधान मंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री या उनके विकल्प, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि तथा नीति आयोग (पूर्व योजना आयोग) के सदस्य शामिल हैं।

राष्ट्रीय विकास परिषद् को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया किंतु अब तक इसे रद्द करने के लिए कोई प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया है। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल (जिसकी संरचना लगभग एनडीसी के समान ही है) की स्थापना के बाद से राष्ट्रीय विकास परिषद् (एन.डी.सी.) को न तो कोई काम सौंपा गया और न ही इसकी कोई बैठक ही हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान यह महसूस किया गया था कि योजना आयोग मृतप्राय है तथा इसमें कुछ सुधार की आवश्यकता है। सन् 2014 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग के उन्मूलन की घोषणा की साथ ही एक कार्यकारी संकल्प के माध्यम से नीति आयोग का गठन किया। यह न तो संवैधानिक निकाय है और न ही वैधानिक निकाय।[1]

इतिहास[संपादित करें]

परिषद् की पहली बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने 8-9 नवंबर 1952 में की थी। इसकी अब तक 57 बैठकें हो चुकी हैं। राष्ट्रीय विकास परिषद् की 57वीं बैठक 27 दिसंबर 2012 को विधान भवन, मुंबई में हुई थी[2]

उद्देश्य[संपादित करें]

इसे स्थापित करने के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:

  1. योजना के समर्थन में राष्ट्र के प्रयास और संसाधनों को मज़बूत करना और जुटाना
  2. सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आम आर्थिक नीतियों को बढ़ावा देना
  3. देश के सभी भागों का संतुलित और तीव्र विकास सुनिश्चित करना
  4. देश के नागरिकों को शिक्षा, चिकित्सा देखभाल, सामाजिक सेवाएँ आदि जैसी सामाजिक सुविधाएँ प्रदान करना[3]
  5. लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना
  6. प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि करना।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. हेमंत, सिंह (22 अप्रैल 2016). "राष्ट्रीय विकास परिषद". जागरण जोश. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.
  2. दासगुप्ता, अशोक (27 दिसंबर 2012). "एनडीसी वार्षिक वृद्धि दर को घटाकर 8 प्रतिशत कर देता है। - द हिंदू". द हिंदू.
  3. "सीबीएसई क्लास 10 सोशल ईकोनॉमिक्स ईकोनॉमिक डेवेलपमेंट एसएक्यू". 7 अगस्त 2017.