राजा मांधाता

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अयौध्या के राजा युवनाशव और गौरी का पुत्र राजा मान्धाताचकवै नाम से सूर्यवश मे जाने गए जो मान्धाता कोली थे,, इनके पुत्र, अम्बरीश्च, मुचुकुंद, पुरूकुत्सत्तथ/ असित, और पच्चास कन्या थी जो सौबरी ऋषि से बयाही गई


राजा युवनाशव सूर्यवंशी कोली क्षत्रिय थे और युवनाशव ने अयोध्या को बसाया इनकी रियासत रामग्राम और देवदह

व कपिल्वसतु पर था इसी वंश मे राजा राम कोल हुए और

राजा राम कोल के बाद कोलिय इक्ष्वाकु वंश मे श्री राम का जन्म हुआ और आज के सभी क्षत्रिय कोलीयो की ही संतान हे क्षत्रिय कोली को सतयुग मे कोलाविध्वंशी क्षत्रिय कहा गया और त्रेतायुग मे कुली/कुलीन/कोलिय कहे गए और दुआपर युग मे क्षत्रिय कुलीन/कोली के नाम से जाने थे आगे कलयुग मे शाक्य मोरिय चौहान कोली सूर्यवंशी/नागवंशी/अगनिवंशी के नाम से जाने जाते और राजा मान्धाता कोली के बाद पच्चीस वी पिढी मे भगवान श्री राम कोली का जन्म हुआ और श्री कोलिय कुल मे राजा कुश और लव का जन्म हुआ