रतन पंडोरवी

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रतन पंडोरवी
व्यवसाय कवि
राष्ट्रीयता भारतीय
शैली गज़ल, नज़्म
उल्लेखनीय कार्य भगवत गीता का उर्दू नज़्म में अनुवाद।

रतन पंडोरवी रलाराम का जन्म 07 जुलाई 1907 ई० को ग्राम पंडोरी, तहसील बटाला, जिला गुरदासपुर, पंजाब में हुआ।[1] रतन पंडोरवी पंजाब के प्रसिद्ध उस्ताद शायरों में से एक हैं। उन्हें पंजाब सरकार ने अपने सर्वोच्च सम्मान "शिरोमणि साहित्यकार अवार्ड" से नवाजा। रतन साहब ने शायरी का सलीका मशहूर शायर दिल शाहजहाँपुरी और जोश मलसियानी से सीखा। रतन साहब ने कुल 23 किताबें लिखी जिनमे 9 पद्य और 14 गद्य की हैं। रतन साहब ने अपनी उम्र का लंबा अरसा पंडोरी के एक शिव मन्दिर में फ़क़ीर की तरह गुज़ारा और अपने अंतिम समय में पठानकोट में आ गए और 04 नवंबर 1990 को अपना शरीर त्याग दिया।

पुस्तकें=[संपादित करें]

  • फ़र्शे-नज़र(1965)
  • बिहिशते-नज़र(1974)
  • अंदाज़े-नज़र(1975)
  • पयामे-नज़र(1981)
  • आख़िरी नज़र(1984)
  • हुस्ने-नज़र(2009)
  • सिर्रे-मग़फ़रत(1980)
  • इस्लाहे-देहात(1932)
  • पैग़ाम अमल,

रुबाइयते-रतन(1982)

  • नौ रतन (1953)
  • हिंदी के मुसिलमान शायर(1982)
  • फ़न्ने-तारीख़ गोई(1984) आदि।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "कविताकोश पर कवि की जानकारी". कविताकोश. कविताकोश. मूल से 13 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जनवरी 2017.