मूल पथ
दिखावट
नियंत्रण सिद्धान्त तथा स्थायित्व सिद्धान्त में, मूल पथ विश्लेषण (root locus analysis) एक ग्राफीय विधि है। इसमें किसी नियंत्रण प्रणाली के किसी प्राचल को बदलने पर उस निकाय के लाक्षणिक समीकरण के मूलों का बिन्दुपथ (लोकस) समिश्र s-प्लेन में प्लॉट किया जाता है। प्रायः उस तन्त्र की लब्धि (गेन / K) को प्राचल के रूप में लिया जाता है। यह ध्यातव्य है कि किसी फीडबैक निकाय के लाक्षणिक समीकरण के मूलों का मान (ग्राफ में स्थिति) उस निकाय के गुणधर्म का द्योतक भी है। उदाहरण के लिये, यदि कोई भी मूल दक्षिणार्ध (राइट हाफ) प्लेन में होगा तो वह नियन्त्रण निकाय स्थायी (स्टेबल) नहीं होगा। इस विधि का विकास वाल्टर आर इवान्स ने किया था।
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |