मिनोआई सभ्यता

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क्नोसोस के खंडरों में मिले बासन
क्रीत पर मिनोआई सभ्यता से सम्बंधित पुरातन स्थल
यह या तो कोई "सर्प देवी" थी या फिर किसी पुजारिन की आकृति है

मिनोआई सभ्यता कांस्य युग में यूनान के दक्षिण में स्थित क्रीत के द्वीप पर उभरकर २७वीं सदी ईसापूर्व से १५वीं सदी ईसापूर्व तक फलने-फूलने वाली एक संस्कृति थी। यह यूरोप की सबसे प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक मानी जाती है।[1] इतिहासकारों को मिले सुराग़ों से ज्ञात हुआ है कि मानव १२८,००० ईपू में ही आकर क्रीत पर बस चुके थे लेकिन यहाँ कृषि लगभग ५००० ईपू में ही जाकर विकसित स्तर पर पहुँची।[2][3]

नाम की उत्पत्ति[संपादित करें]

यह अज्ञात है कि मिनोआई लोग वास्तव में स्वयं को क्या बुलाते थे। यहाँ पर अनुसंधान कर रहे आर्थर एवंस नामक इतिहासकार को क्रीत के क्नोसोस पुरातन स्थल पर एक भूल-भुलाइया के खंडर मिले। उन्होंने इसका सम्बन्ध बिना किसी प्रमाण के प्राचीन यूनानी गाथाओं में एक काल्पनिक मिनोस (Minos) नामक राजा द्वारा निर्मित भूल-भुलाइया के वर्णन से करा। धीरे-धीरे बहुत से विद्वान इन गुमनाम लोगों को "मिनोआई" के नाम से पुकारने लगे। अंग्रेज़ी में "मिनोआई सभ्यता" को "मिनोअन सिविलाइज़ेशन" (Minoan civilization) बुलाया जाता है।[4]

वर्णन[संपादित करें]

क्रीत के द्वीप पर बहुत से मिनोआई खंडर मिले हैं। यह महल, प्रशासनिक दफ़्तर, घर और दुकानों की श्रेणियों में देखें गए हैं। महलों में अक्सर दो या उस से भी अधिक मंज़िलें मिली हैं। बड़े स्तम्भ, अन्दर और बाहर ज़ीने (सीढ़ियाँ) और आँगन इनकी कुछ विशेषताएँ हैं।

माना जाता है कि मिनोआई लोग हिन्द-यूरोपीय नहीं थे और न ही उनका यूनान के मुख्य भाग में रहने वाले प्राचीन वासियों से कोई सम्बन्ध था।[5] यह अपनी अलग मिनोआई भाषा बोलते थे जो हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की सदस्य नहीं थी, जबकि यूनानी भाषा इस परिवार की सदस्य है। वह जिस लिपि का प्रयोग करते थे उसे आजकल रेखीय ए (लीनियर ए) कहा जाता है और भाषावैज्ञानिक अभी तक उसे पढ़ने में अक्षम रहे हैं। कांस्य युग में मिनोआई संस्कृति यूनानी सभ्यता से बहुत अधिक विकसित थी। मिनोआई संस्कृति की बनाई गई कई वस्तुएँ यूनान की मुख्य भूमि में मिली हैं, विशेषकर माइसीने (Μυκῆναι, Mycenae) पुरातत्व स्थल पर। रेखीय ए के प्रभाव से एक रेखीय बी नामक लिपि उत्पन्न हुई जिस में माइसीनियाई यूनानी भाषा को लिखा जाने लगा। यह यूनानी का सब से प्राचीन ज्ञात रूप है।

इतिहासकारों का मानना है कि सन् १४५० ईपू के आसपास क्रीत में कोई भयंकर प्राकृतिक विपदा आई। संभव है की यह एक भूकंप था या फिर समीप के सान्तोरिनी द्वीप पर स्थित थेरा ज्वालामुखी का विस्फोट था। मिनोआई सभ्यता के बहुत से क्षेत्र इस से ध्वस्त हो गए हालांकि क्नोसोस का महल साबुत बच गया। इसके बाद लगभग सौ वर्षों तक यह सभ्यता लड़खड़ाती हुई जारी रही लेकिन फिर इसका पतन शुरू हो गया। पूर्वी क्रीत में पहाड़ों के बीच एक कर्फ़ी (Καρφί) नामक स्थल मिला है जहाँ माना जाता है कि लौह युग तक कुछ मिनोआई लोग शरण लेकर फैलती हुई यूनानी सभ्यता से छुपे हुए थे।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. ""Ancient Crete" in Oxford Bibliographies Online: Classics". मूल से 30 मई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2011.
  2. http://www.nytimes.com/2010/02/16/science/16archeo.html Archived 2011-09-04 at the वेबैक मशीन Wilford, J.N., On Crete, New Evidence of Very Ancient Mariners, The New York Times, Feb 2010
  3. http://www.wired.com/wiredscience/2010/01/ancient-seafarers/ Archived 2011-08-24 at the वेबैक मशीन Bowner, B., Hominids Went Out of Africa on Rafts, Wired, Jan 2010
  4. John Bennet, "Minoan civilization", Oxford Classical Dictionary, 3rd ed., p. 985.
  5. Hermann Bengtson: Griechische Geschichte. C.H.Beck, München, 2002. 9th Edition. ISBN 3-406-02503-X. pp.8-15