मासानोबू फुकुओका
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मासानोबू फुकुओका (जापानी भाषा: 福岡 正信?) (2 फ़रवरी 1913 – 16 अगस्त 2008) जापान के एक किसान तथा दार्शनिक थे जिन्होने विश्व को प्राकृतिक खेती का दर्शन दिया।। वे कई स्वदेशी संस्कृतियों के लिए पारंपरिक, नो-हर्बिसाइड अनाज की खेती के तरीकों के प्रस्तावक थे, जिसमें से उन्होंने खेती का एक विशेष तरीका बनाया, जिसे आमतौर पर "प्राकृतिक खेती" या "डू-नो फार्मिंग" कहा जाता है।[1][2][3][4][5]
फुकुओका ने जापानी भाषा में अनेकों पुस्तकें, वैज्ञानिक शोधपत्र एवं अन्य साहित्य लिखा। वे १९७० के बाद से ही टेलीविजन पर भी आते रहते थे। वे प्रकृति के सिद्धान्तों के पक्षधर थे।
ग्रन्थसूची
[संपादित करें]- 1978 - वन स्ट्रॉ रेवोलुशन (One Straw Revolution)[6]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Setboonsarng, S. and Gilman, J. 1999. Alternative Agriculture in Thailand and Japan. HORIZON Communications, Yale University, New Haven, Connecticut. Online review version (Retrieved 25 March 2014).
- ↑ Toyoda, Natsuko (September–October 2008). "Farmer Philosopher Masanobu Fukuoka: Humans must Strive to Know the Unknown (1)" (PDF). Japan Spotlight. Tokyo: Japan Economic Foundation. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1348-9216.
- ↑ Toyoda, Natsuko (November–December 2008). "Farmer Philosopher Masanobu Fukuoka Humans Must Strive to Know the Unknown (2): What Does Natural Farming Mean?" (PDF). Japan Spotlight. Tokyo: Japan Economic Foundation. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1348-9216.
- ↑ Toyoda, Natsuko (January–February 2009). "Farmer Philosopher Masanobu Fukuoka: Humans Must Strive to Know the Unknown (3) Greening Desserts by Clay-Ball Seeding" (PDF). Japan Spotlight. Tokyo: Japan Economic Foundation. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1348-9216.
- ↑ Toyoda, Natsuko (January–February 2010). "The Key to Success" (PDF). Japan Spotlight. Tokyo: Japan Economic Foundation. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1348-9216.
- ↑ "No Tractors, No Pesticides & No Tilling: A Zero-Investment Method That's Helping Farmers Save Big!". The Better India. 29 June 2017. अभिगमन तिथि 22 October 2020.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- एक तिनके से आई क्रांति (इंडिया वातर पोर्टल)