मावसी जनजाति

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Mawasi janjati ke aurate

यह जनजाति कोरकू जनजाति की उपजाती है। यह मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल जिले व महाराष्ट्र के कुछ जिलों में पाई जाती है इसके अलावा या छत्तीसगढ़ में भी पाए जाते हैं, यह जनजाति मुख्य रूप से कोरकू बोली बोलते हैं, यह भाषा इंडो ऑस्ट्रिक भाषा है इसके अलावा गोंडो की भाषा द्रविडियन भाषा होती है, यह मध्य प्रदेश के अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 31 में कम पर आती है।

=शब्दावली=

डोंगोर - जंगल

ऊरा -घर


कूला - सिंह

=त्योहार=

बिदरी - यह त्यौहार फसल बोने से पहले मनाया जाता है इसमें सूर्य देव की पूजा की जाती है ताकि फसल अच्छी हो वह बारिश भी ठीक प्रकार हो।

सिडौली - इसे आम बोलचाल की भाषा में गाथा कहा जाता है यह मरे हुए व्यक्ति के मां की शांति के लिए मनाया जाता है।

इसके अलावा हिंदू त्योहार जैसे दिवाली होली नवरात्र जैसे त्यौहार मनाया जाते हैं।

=नृत्य=

चटकोरा- यह नृत्य किसी भी त्यौहार में औरतें व पुरुष साथ में नृत्य करते है।

जनजातीय नृत्य

सैतम- यह नृत्य शादी के समय किया जाता है मुख्य तौर पर यह नृत्य औरतों द्वारा होती है जिसमें औरतें समूह में होती है व नृत्य करती है।

नक्शा
जनजातीय चित्रकला नृत्य