मनसामंगल

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मनसा देवी का चित्रण

मनसामंगल काव्य (बांग्ला : মনসামঙ্গল কাব্য) सभी मङ्गल-काव्यों में सबसे प्राचीन काव्य है। इसमें सर्प-देवी मनसा द्वारा बंगाल के शिवभक्तों को शिवभक्ति छोड़कर अपनी भक्ति कराने का वर्णन है। मनसा जनजातीय लोगों द्वारा पूजित एक देवी थीं जो बाद में बृहद हिन्दू समाज की देवी के रूप में प्रतिष्ठित हुईं। मनसा को 'बिषकरी', 'जंगुली', और 'पद्मावती' भी कहा जाता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]