भट्टी तारामंडल
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भट्टी या फ़ॉरनैक्स खगोलीय गोले के दक्षिणी भाग में स्थित एक छोटा-सा तारामंडल है। इसकी परिभाषा १८वीं सदी में की गई थी और अब यह अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है।
अन्य भाषाओं में
[संपादित करें]भट्टी तारामंडल को अंग्रेज़ी में "फ़ॉरनैक्स कॉन्स्टॅलेशन" (Fornax constellation) कहा जाता है। इसमें 'फ़' में लगी 'ऑ' की मात्रा के उच्चारण पर ध्यान दें।
तारे और अन्य वस्तुएँ
[संपादित करें]भट्टी तारामंडल में २ मुख्य तारे हैं, हालांकि वैसे इसमें २७ तारों को बायर नाम दिए जा चुके हैं। इनमें से ४ के इर्द-गिर्द ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करते हुए पाए गए हैं। इस तारामंडल के मुख्य तारे और अन्य वास्तुएँ इस प्रकार हैं -[1]
- अल्फ़ा फ़ोर्नसिस (α Fornacis) - यह एक F8 IV श्रेणी का +३.८५ मैग्नीट्यूड (चमक) वाला तारा है। यह एक मुख्य अनुक्रम तारा था जो कुछ ही अरसे पहले मुख्य अनुक्रम से हटकर फूलने लगा है और अब एक उपदानव तारा बन चुका है। ग़ौर से देखने पर ज्ञात हुआ है कि इसका एक साथी तारा भी है जिसके साथ यह एक द्वितारा मंडल में बंधा हुआ है।
- फ़ॉरनैक्स गुच्छा (Fornax cluster) - यह हमसे लगभग ६.२ करोड़ प्रकाश वर्ष दूर एक गैलेक्सियों का समूह है। जब हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने इस दिशा में झांककर देखा तो इसमें ५८ भिन्न आकाशगंगाएँ मिली।
- हिप १३०४४ बी (HIP 13044 b) - हिप १३०४४ नामक लाल दानव तारे के इर्द-गिर्द परिक्रमा करता यह एक ग़ैर-सौरीय ग्रह है जो बृहस्पति की तरह एक गैस दानव है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तारा और ग्रह दोनों बहुत पुराने हैं और इनकी आयु ९ अरब साल से भी ज़्यादा है। इनका अध्ययन करने से यह भी ज्ञात हुआ है कि यह दोनों आकाशगंगा (हमारी गैलेक्सी) में नहीं जन्में बल्कि एक अन्य गैलेक्सी में जन्मे थे जो आज से अरबों वर्ष पूर्व हमारी गैलेक्सी में समा गई।
- यू॰डी॰ऍफ़॰जे-३९५४६२८४ (UDFj-39546284) - यह एक नीले तारों से भरी छोटी सी गैलेक्सी है जो पृथ्वी से १३.२ अरब प्रकाश वर्ष दूर है। मानना है कि यह ब्रह्माण्डीय महाविस्फोट (बिग बैंग) के ५० करोड़ वर्षों के भीतर बनी होगी, यानि पूरे ब्रह्माण्ड के जन्म के कुछ ही समय बाद। इतनी दूरी के कारण हम इसे वैसे देख रहें हैं जैसे यह १३.२ अरब साल पहले लगती थी (तुलना के लिए आधुनिक मनुष्य जाति लगभग १ लाख साल से अस्तित्व में है, यानि इसका एक लाख गुना से भी कम)। उस समय ब्रह्माण्ड नया-नया बना था और अधिकतर तारे अपनी शिशु या युवावस्था में तीव्रता से नीले प्रकाश के साथ जल रहे थे, जिस वजह से इसके तारे भी सारे नीले ही लगते हैं।
- ऍन॰जी॰सी॰ १३१६ (NGC 1316) - यह एक बहुत ही रोशन अंडाकार गैलेक्सी है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Ian Ridpath and Wil Tirion (2007). Stars and Planets Guide, Collins, London. ISBN 978-0007251209. Princeton University Press, Princeton. ISBN 978-0691135564.