ब्रज संस्कृति शोध संस्थान

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ब्रज संस्कृति शोध संस्थान की स्थापना 18 अप्रैल 2010 को हुई। यह संस्थान ब्रज के इतिहास, पुरातत्व, कला, साहित्य और लोक संस्कृति की शोध अकादमी के रूप में उल्लेखनीय कार्य करता है। ब्रज संस्कृति शोध संस्थान वर्तमान में मंदिर श्रीधाम गोदा विहार परिसर, गोपेश्वर मार्ग, वृंदावन में स्थित है। संस्थान के अध्यक्ष स्वामी श्री वृंदावन आचार्य एवं सचिव श्री लक्ष्मीनारायण तिवारी हैं।

संस्थान के उद्देश्य

संस्थान का मुख्य उद्देश्य बृज भाषा को उसका सम्मान दिलाना , बृज के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में अध्ययनरत शोधार्थियों की उनके शोध अध्ययन में सहायता करना एवं ब्रज की मूर्त एवं अमूर्त धरोहरों का संरक्षण करना है। इसके साथ-साथ ही संस्थान ब्रज की देवालयी संस्कृति, लोक कलाओं ,लोक साहित्य एवं ब्रजभाषा साहित्य के संरक्षण हेतु कार्य कर रहा है,बृज भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची के अंतर्गत शामिल कराने से ही यह संभव होगा और इसके लिए यह संस्थान प्रयासरत है।

संस्थान का ग्रंथागार

ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के ग्रंथागार में हिंदी, संस्कृत एवं ब्रजभाषा के लगभग 3000 से अधिक दुर्लभ हस्तलिखित ग्रंथ (पांडुलिपियाँ), चित्र,मानचित्र,लीथोग्राफ,उर्दू एवं फारसी भाषा में लिखे गये अभिलेख, दुर्लभ ताड़पत्र ग्रंथ तथा ताम्रपत्र अभिलेखों सहित 5000 पुरातात्विक महत्व के प्राचीन सिक्के संगृहीत हैं ।

संस्थान का पुस्तकालय

संस्थान के पुस्तकालय में ब्रज क्षेत्र के इतिहास,पुरातत्त्व, साहित्य, कोश एवं ब्रजभाषा की अनेक दुर्लभ पुस्तकें संकलित हैं। पुस्तकालय में लगभग 5000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह किया गया है।  ब्रज संस्कृति के समग्र अध्ययन हेतु वर्तमान में यह सबसे समृद्ध शोध- संदर्भ पुस्तकालय है ।

कार्य/ परियोजना

संस्थान द्वारा ब्रज की अमूर्त एवं मूर्त धरोहरों के संरक्षण-संवर्धन हेतु संगोष्ठी, व्याख्यान एवं कार्यशालायें सहित अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। संस्थान द्वारा विभिन्न शोध परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। संस्थान प्रतिवर्ष पितृपक्ष  में वृन्दावन के पौराणिक ब्रह्मकुंड पर द ब्रज फाउंडेशन के सहयोग से साँझी मेले का आयोजन करता है। यह साँझी मेला ब्रज की साँझी कला परम्परा के संरक्षण के लिए एकमात्र प्रतिष्ठित आयोजन है, जिसमें ब्रज मण्डल के प्रमुख साँझी कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। अभी हाल ही में संस्थान ने 6 से 8 दिसंबर 2019 पर्यन्त ब्रज के शोध अध्येताओं के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से आए शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत किया। संस्थान ब्रज संस्कृति के संवर्धन, संरक्षण एवं प्रचार प्रसार के लिए कृत संकल्पित है ।

ब्रज संस्कृति सम्मान[1]

संस्थान द्वारा प्रति वर्ष ब्रज संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं हेतु विद्वानों,अध्येताओं एवं कलाकारों को ब्रज संस्कृति सम्मानों से सम्मानित किया जाता है। यह प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला प्रतिष्ठित अलंकरण समारोह है जिसके अंतर्गत तीन प्रमुख श्रेणियों ब्रज निधि सम्मान,ब्रज संस्कृति अध्येता सम्मान एवं ब्रज संस्कृति सेवी सम्मान प्रदान किये जाते हैं।

संस्थान के प्रकाशन

संस्थान के प्रकाशन अनुभाग द्वारा ब्रज संबंधी साहित्य के प्रकाशन के साथ-साथ प्राचीन मुद्रा शास्त्र, अभिलेख, लोक साहित्य, इतिहास एवं ब्रज के इतिहास,पुरातात्विक व देवालयी संस्कृति से संबंधित पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है ।

आवास व्यवस्था

संस्थान परिसर में शोधार्थियों एवं अध्येताओं के लिए उनके शोध अध्ययन के साथ-साथ भोजन एवं आवास की समुचित व्यवस्था भी  उपलब्ध है ,जिससे उन्हें संस्थान परिसर में रहकर अपना शोधकार्य पूर्ण करने में सहायता मिल सके।

  1. Chhonkar, Yogendra Singh (2019-12-04). "आओ ब्रज को जानें!". HISTORY PANDIT (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2019-12-13.