बॉडी पियर्सिंग

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पियरसिग मे गह्ने पह्नने के लिये त्व्चा को भेदा जाता है , शरीर के किसी भाग को छेदना, आजकल हमारे समाज में फैशन की मुख्य धारा में सम्मिलित हो गया है और संस्कृति का हिस्सा बन गया है। लोग कई कारणों से अपने शरीर के किसी भाग को छेदते हैं। कुछ लोग धार्मिक कारणों से और कुछ स्वयं की अभिव्यक्ति और व्यक्तिगत शैली के लिए शरीर के किसी भाग को छेदते हैं।

कारण चाहे कोई भी हो, शरीर के किसी भाग को छेड़ना एक बहुत बड़ा निर्णय है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। शरीर के किसी भी भाग को छेदने में स्वास्थ्य के प्रति कई खतरे हैं। इसलिए शरीर के किसी भाग को छेदने का निर्णय लेने से पहले इन खतरों के बारे में जानना और समझना महत्वपूर्ण है।

पियर्सिंग कराना या ना कराना सबकी अपनी निजी पसंद होती है। हालांकि कुछ लोगों के लिए ये एक परंपरा का हिस्सा होती है तो वहीं कुछ लोग इसे फैशन स्टेमेंट के रुप में देखते है

शरीर को छेदने से संबंधित स्वास्थ्य खतरे

1. संक्रमण: शरीर को छेदने पर होने वाला सबसे आम खतरा है संक्रमण। यदि तुरंत उपचार नहीं किया गया तो इससे दाग पड़ सकता है और खून में भी संक्रमण हो सकता है। ध्यान न दिए जाने पर यह आपके ऊपर एक भद्दा दाग छोड़कर आपको बदसूरत बना सकता है।

2. एलर्जिक रिएक्शन: कुछ लोगों को गहनों से एलर्जिक क्रिया हो सकती हैं। इन क्रिया की वजह से लोगो को सांस लेने में परेशानी हो सकती है, छेदे गए स्थान पर दाने और सूजन आ सकती है। गम्भीर स्तिथि मे अस्पताल मे भर्ती हो सकते है

3. तंत्रिकाओं में क्षति होना: गलत तरीके से छेदने पर कोई तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो सकती है जिससे कि छेद किये जाने वाला और इसके आसपास का स्थान हमेशा के लिए मृत हो सकता है। तंत्रिकाओं में सबसे ज्यादा क्षति जीभ छेदने के दौरान होती है खासकर जब इसे किसी गैर अनुभवी व्यक्ति से कराया गया हो।

4. अत्यधिक रक्तस्त्राव: कभी कभी जब छेदन किसी गैर अनुभवी व्यक्ति से कराया जाता है या छेदने वाला स्थान गलत हो तो सुई किसी रक्त वाहिका(नस) को छेदकर उसे क्षतिग्रस्त कर सकती है जिससे रक्तस्राव हो सकता है तथा रक्त्स्राव होने से शरीर मे रक्त की कमी हो जाती है|

5. प्रतिकूल दूषण का खतरा: अस्वास्थ्यकर(गंदे) वातावरण में किसी गैर अनुभवी व्यक्ति से शरीर के किसी भाग में छेद कराने पर रक्त से संबंधित कई बीमारियाँ हो सकती है जैसे कि एचआईवी वायरस, हेपेटाईटिस और कई अन्य बीमारियाँ।

6. केलोइड्स: केलोइड्स छेदन किये गए स्थान पर सख्त गांठें या उतकों की अतिरिक्त वृद्धि होते हैं जो बाहर निकले हुए होते हैं और बहुत बदसूरत दिखाई देते हैं। जब भी केलोइड्स के उपचार की बात आती है तो इसकी रोकथाम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी प्रकार का उपचार इन्हें पूरी तरह से नहीं हटा सकता या उपचार पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सकता।

7. दांतों से संबंधित खतरे: मुंह में छेदन कराने पर दांतों से संबंधित कई खतरे हैं जैसे कि छिले हुए दांत, जबड़ों और मसूड़ों का क्षतिग्रस्त होना, दांतों के इनेमल का निकल जाना और इसके अलावा गहनों की वजह से फेफड़ों की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।



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