बिंद

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बिन्द जाति उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा में पाई जाने वाली एक जाति है।[1] बिंद केंद्रीय सूची की ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत हैं।

बिंद जाति
वेद शिवपुराण
कूलदेवता शिव और काशी बाबा
कूलदेवी माँ विंध्यवासिनी
धर्म हिंदू

बिहार में इन्हें नोनिया,बिंद, बेलदार के नाम से जाना जाता ये तीनो जातियां एक ही है इनमे एक दूसरे में सादी और विवाह होता है तीनो जातियां बेटी रोटी के रिश्तों में बंधी हुई है उत्तर प्रदेश में बिंद को बिंद और केवट के नाम से जाना जाता है बिंद समाज का कोई निश्चित व्यवसाय नही है चीनी यात्री फाह्यान जब 399 से 414 में भारत भ्रमण किया तो उसकी किताब {मेरी यात्रा वृत्तांत }नामक पुस्तक में इसी 400ईस्वी के आस-पास बिंद जाति के पूर्वजों को वैज्ञानिक बताया है क्योंकि मारवाड़ के निर्जल भूमि पर बिंद समाज के लोगों ने कुआं बनाया था जो आज भी विद्यमान है साथ ही विलियम क्रुक्स ने भी बिंद,बेलदार और नोनिया जाति को एक ही जाति का बताया है । विलियम के अनुसार बिंद,निषाद से अलग जाती है विलियम के अनुसार काशी बाबा को बिंद जाती के लोग पूजा करते थे आज भी बिहार के लोग काशी बाबा को अपना कुल देवता के रूप मे पूजते हैं बिंद समाज का बहुत की गौरवशाली इतिहास रहा क्योंकि भारत के नौ गणराज्यों में एक बिंद गणराज्य भी था ,और नालंदा का पुराना नाम बिंददीनारा था आज भी बिंद नाम से अनेक स्थान और गांव का नाम मिल जाता है जैसे बिंदवलियां , बिंदपुरवा, बिंदडेरवा, बिंदकी,आज भी बिहार में बिंद थाना मौजूद है महान स्वतंत्रता सेनानी सोमरू बिंद ,अमर शहीद झुर्री बिंद और महान समाज सुधारक स्वतंत्रता सेनानी चाचा नेहरू के साथी बाबू सहदेव प्रसाद महतो भी बिंद समाज से ही आते है और बिंद समाज के अपनी पहचान और गरिमा का याद दिलाने वाले स्व.रामजन्म बिंद भी इसी समाज से थे जिनकी याद में गाजीपुर में लगातार 37 वर्षो से 25 दिसंबर को बिंद दिवस के रूप में मनाया जाता है पहले विंध्यप्रदेश था जिसमे 50 से अधिक जिला थे जो यूपी,बिहार, मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों से मिलकर बना था निश्चय ही बिंद समाज का बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है|| [2] पूर्व मंत्री ब्रज किशोर बिंद के अनुसार शिवपुराण में भगवान शिव को बिंद जाति के रूप में बताया गया है। बिहार की पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी इसी नोनिया समाज से आती है बिंद समाज की आबादी भारत के बाद बंगलादेश और नेपाल में भी पाई जाती है नेपाल में सत्यनारायण भगत बिंद भी जो पूर्व मंत्री नेपाल सरकार में रह चूके है |

संपादक-गुड्डू चौहान,अनिश बिंद [3][4]

सन्दर्भ[संपादित करें]

*https://jankaritoday.com/bind-caste-history/

  1. "बिन्द जाति को एकजुट करने पर दिया गया बल". Hindustan. अभिगमन तिथि 2023-10-15.
  2. न्यूज़, एबीपी (2019-08-28). "बिहार: नीतीश के मंत्री ने कहा- भगवान शिव बिंद जाति से थे, पुराणों में है इसका उल्लेख". www.abplive.com. अभिगमन तिथि 2023-10-15.
  3. "नोनिया, बिंद व बेलदार समाज का विकास आरक्षण से होगा". Hindustan. अभिगमन तिथि 2023-10-15.
  4. Mishra, Alok Kumar (2023-08-13). "भाजपा नोनिया-बिंद-बेलदार समाज की सच्ची हितैषी :रेणु देवी". Punjab Kesari (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-10-15.