बहादुर यार जंग
बहादुर यार जंग | |
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जन्म |
Muhammad Bahadur Khan 3 फ़रवरी 1905 Hyderabad, Hyderabad State, British India |
मौत |
25 जून 1944 Hyderabad, Hyderabad State, British India | (उम्र 39 वर्ष)
मौत की वजह | Suspected poisoned; his 'hukka' (water pipe) was poisoned when he went to meet the opposition party. |
समाधि | Hyderabad, India |
राष्ट्रीयता | British India |
उपनाम | Quaid-e-Millat, Bahadur Yar Jung |
शिक्षा की जगह | Madarsay Darul-Uloom, now called City College Hyderabad |
प्रसिद्धि का कारण |
Prominent figure of Pakistan Movement, who propounded the philosophy of Sharia Law and Muslim State. Associated with: Majlis-e-Ittehadul Muslimeen Muslim League Khaksar Tehrik |
राजनैतिक पार्टी |
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन Muslim League Khaksar Tehrik |
जीवनसाथी | Noor Alam Khatoon |
माता-पिता |
Khatoon (mother) Nawab Naseeb Yar Jung (father) |
Hyderabad, India |
बहादुर यार जंग का जन्म 3 फरवरी 1905 को हुआ था तेहरिक ए पाकिस्तान के महान नेता नवाब बहादुर यार जंग अपनी साफ गोइ और सौला बयानी की वजह से मसूर थे पाकिस्तान के क़ायदे-आज़म और राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना के राष्ट्रपिता के पद पर फाइज होने के बाद उन की पाकिस्तान मे महान नेता के रूप मे छवि है हैदराबाद के दक्कन की तहरीक मे गैर मामूली किरदार आदा करने पर उन्हें अफताब - ए - दक्कन भी कहते है नवाब बहादुर यार जंग को पाकिस्तान की जददो जहाद की वजह से अपनी खिताब और जागीर से भी हाथ-धोना पडा मगर उन्होंने उस की परवाह न कि दिन दार और दानीश मंद नवाब बहादुर यार जंग 25 जून 1944 को उन की मृत्यु हो गई![1][2] उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और हैदराबाद में खाकसार की शाखाओं की स्थापना की और एक शक्तिशाली धार्मिक उपदेशक के रूप में जाने जाते थे। 1938 में, उन्हें मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का अध्यक्ष चुना गया, जिस पद पर उन्होंने अपनी मृत्यु तक सेवा की।
व्यक्तिगत जीवन
[संपादित करें]वह हैदराबाद के एक प्रमुख निवासी नवाब नसीब यार जंग [9] के पुत्र थे। उनकी पत्नी का नाम तलमैन खातून था। उनके दो भाई थे जिनके नाम नवाब मोहम्मद मंदूर खान सदोज़ई और नवाब मोहम्मद दौलत ख़ान सदोज़ई थे। नवाब मोहम्मद मंदूर खान के तीन बेटे (नवाब मोहम्मद नसीब खान, नवाब मोहम्मद बहादुर खान और नवाब मोहम्मद आदिल खान)। उनके पोते नवाब मोहम्मद मोआज़म खान पुत्र नवाब मोहम्मद नसीब खान 2004 से बहादुरपुरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक हैं - आज AIMIM पार्टी से जिसकी स्थापना नवाब बहादुर यार जंग ने की थी।
स्मरणोत्सव
[संपादित करें]ये बहादुराबाद कराची मैं स्थित है यहाँ पर चारमीनार है। कराची का बहादुराबाद क़स्बा MIM नेता "बहादुर यार जंग" के नाम पर पड़ा था, 1948 बंटवारे के बाद MIM नेता क़ासिम रिज़वी के साथ हैदराबाद से कई मुहज़रीन कराची में जाकर बस गए और कराची में ही चारमीनार जैसी हूबहू ईमारत की तामीर करवाई।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Bahadur Yar Jung and Hindu-Muslim relations TwoCircles.net website, Published 30 May 2009, Retrieved 9 March 2022
- ↑ Tribute paid to Bahadur Yar Jung Dawn (newspaper), Published 28 June 2011, Retrieved 9 March 2022