बखर
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बखर मराठी गद्य की एक विधा है जो ऐतिहासिक कथा का एक रूप है। यह मध्यकालीन मराठी साहित्य की प्रारंभिक विधाओं में से एक है। [1] सत्रहवीं से उन्नीसवीं शताब्दी में 200 से अधिक बखर रचे गये। उनमें से सबसे महत्वपूर्ण मराठा शासक शिवाजी का जीवन चरित है। बखर को इतिहास के मराठा दृष्टिकोण को दर्शाने वाले मूल्यवान स्रोत के रूप में देखा जाता है, लेकिन तथ्यों के मिथ्याकरण, अलंकरण और अतिशयोक्ति के लिए इसकी आलोचना भी की जाती है। [2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Tulpule, Shankar Gopal (1979). Classical Marāṭhī literature: from the beginning to A.D. 1818. Otto Harrassowitz Verlag. पपृ॰ 443–446. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-447-02047-3. अभिगमन तिथि 28 July 2011.
- ↑ Deshpande, Prachi (2007). Creative pasts: historical memory and identity in western India, 1700-1960. Columbia University Press. पपृ॰ 19–39. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-231-12486-7. अभिगमन तिथि 3 June 2011.