फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी
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फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी भारतीय पंचांग [1] के अनुसार बारहवें माह की अट्ठाइसवी तिथि है, वर्षान्त में अभी २ तिथियाँ अवशिष्ट हैं।
पर्व एवं उत्सव[संपादित करें]
==प्रमुख घटनाएँ== शिवपुराण के हवाले से बताया कि शिवरात्रि का पूजन व व्रत करने से वर्षभर के शिवरात्रि के समान फल की प्राप्ति होती है। लगातार चौदह वर्ष तक शिवरात्रि का व्रत-पूजन करने से एक हजार अश्वमेघ यज्ञ के समान व सौ वाजपेय यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।
जन्म[संपादित करें]
निधन[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाह्य कड़ीयाँ[संपादित करें]
- हिन्दू पंचांग १००० वर्षों के लिए (सन १५८३ से २५८२ तक)
- आनलाइन पंचाग
- विश्व के सभी नगरों के लिये मायपंचांग डोट कोम
- विष्णु पुराण भाग एक, अध्याय तॄतीय का काल-गणना अनुभाग
- सॄष्टिकर्ता ब्रह्मा का एक ब्रह्माण्डीय दिवस
- महायुग
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अक्तूबर 2016.