फ़्रेड हॉयल

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फ़्रेड हॉयल
Institute of Astronomy, Statue of Sir Fred Hoyle.jpg
जन्म 24 जून 1915[1]
मृत्यु 20 अगस्त 2001[1] Edit this on Wikidata
मृत्यु का कारण प्राकृतिक मृत्यु Edit this on Wikidata स्ट्रोक Edit this on Wikidata
नागरिकता यूनाइटेड किंगडम Edit this on Wikidata
व्यवसाय पटकथा लेखक, खगोल विज्ञानी, लेखक, भौतिक विज्ञानी, विश्वविद्यालय शिक्षक, गणितज्ञ Edit this on Wikidata
नियोक्ता कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय[2] Edit this on Wikidata
धार्मिक मान्यता नास्तिकता Edit this on Wikidata
पुरस्कार रॉयल सोसाइटी के फेलो,[3] कलिंग पुरस्कार, रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी का स्वर्ण पदक, ब्रूस पदक Edit this on Wikidata
वेबसाइट
https://www.hoyle.org.uk Edit this on Wikidata

सर फ़्रेडेरिक हॉयल (24 जून 1915 – 20 अगस्त 2001) ब्रिटिश खगोलशास्त्री थे जिनके विचार अक्सर मुख्य वैज्ञनिक समुदाय के विपरीत होते थे। इनका काम मुख्यतः ब्रह्माण्डविज्ञान के क्षेत्र में है। इन्होंने तारों के नाभिकों में हो रही नाभिकीय प्रक्रियाओं का अध्ययन किया और पाया कि कार्बन तत्त्व बनने के लिये जिस प्रक्रिया की आवश्यकता होती है उसकी सम्भावना सांख्यिकी के अनुसार बहुत कम है। चूंकि मनुष्य और पृथ्वी पर मौजूद अन्य जीवन कार्बन पर आधारित है, हॉयल का विचार था कि ऐसा सम्भव होना इस बात को इंगित करता है कि पृथ्वी पर जीवन की मौजूदगी में किसी ऊपरी शक्ति का हाथ है। नाभिकीय प्रक्रियाओं पर इनके काम को नोबेल समिति ने अनदेखा कर दिया और 1983 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार इनके सहयोगी विलियम ए फोलर को दिया (सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर के साथ)। फ़्रेड हॉयल ब्रह्माण्ड के जन्म के बिग बैंग सिद्धांत में विश्वास नहीं रखते थे। इनका विचार था कि ब्रह्माण्ड एक स्थिर अवस्था में है। विशाल विस्फोट सिद्धान्त के पक्ष में अधिक प्रमाण इकट्ठा होने पर वैज्ञानिकों ने स्थिर अवस्था को लगभग त्याग दिया है। हॉयल का यह भी विश्वास था कि पृथ्वी पर जीवन धूमकेतुओं के जरिए अन्तरिक्ष से आए विषाणुओं के जरिये शुरु हुआ। वे नहीं मानते थे कि रासायनिक प्रक्रियाओं के जरिए जीवन का प्रारंभ संभव है। इन्होंने विज्ञान कथाएँ भी लिखी हैं जिनमें शामिल है द ब्लैक क्लाउड (The Black Cloud, काला बादल) और ए फ़ॉर एन्ड्रोमीडा (A for Andromeda)। द ब्लैक क्लाउड में ऐसे जीवों का वर्णन है जो तारों के बीच के गैस के बादलों में उत्पन्न होते हैं और विश्वास नहीं कर पाते हैं कि ग्रहों पर भी बुद्धिमान जीव उत्पन्न हो सकते है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. http://data.bnf.fr/ark:/12148/cb11907841b; प्राप्त करने की तिथि: 10 अक्टूबर 2015.
  2. https://www.esa.int/About_Us/Corporate_news/Professor_Sir_Fred_Hoyle; प्राप्त करने की तिथि: 27 सितंबर 2021.
  3. https://royalsocietypublishing.org/doi/10.1098/rsbm.2003.0013.