प्रसन्न कुमार राय

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प्रसन्न कुमार राय
जन्म 1849
मौत 1932 (आयु 82–83)
शिक्षा की जगह लन्दन विश्वविद्यालय
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय
पेशा academic
जीवनसाथी सरला राय
बच्चे चारुलता मुखर्जी

प्रसन्न कुमार राय (1849 – 1932) भारत के एक शिक्षाविद थे। वे कोलकाता के प्रेसिडेन्सी कॉलेज के प्रथम भारतीय प्रधानाचार्य थे।[1]

आरम्भिक जीवन[संपादित करें]

प्रसन्न कुमार के पिता का नम श्याम सुन्दर राय था। उनका परिवार मूलतः ढाका के केरानीगंज के सुभद्या का निवासी था। उनकी आरम्भिक शिक्षा ढाका के पोगोस स्कूल में हुई। कम आयु में ही वे ब्राह्म समाज की ओर आकृष्ट हुए। उनके ब्राह्म समाज तथा ईसाई धर्म की ओर आकृष्ट होने से उनका परिवार खुश नहीं था और उन्हें परिवार से बहिष्कृत कर दिया गया। ईसाई मिशनरिओं ने उनकी भरपूर आर्थिक सहायता की। अपने नये मित्रों के मार्गदर्शन में उनकों गिलक्रिस्ट छात्रवृत्ति मिली और वे आगे की शिक्षा के लिये इंग्लैंड चले गये। १८७३ में उन्होंने लन्दन विश्वविद्यालय से स्नातक किया। १८७६ में उनको एडिनबर्ग विश्वविद्यालय तथा लन्दन विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में डीएस-सी की उपाधि मिली। प्रसन्न कुमार राय और आनन्द मोहन बसु ने मिलकर युनाइटेड किंगडम में ब्रह्म समाज, इंडियन एसोसिएशन तथा एक पुस्तकालय स्थापित किया।[2]

वे साधरण ब्राह्म समज की गतिविधियों से जुड़े थे और ढाका के ब्राह्म समाज के सचिव थे। कुछ समय के लिये वे कोलकाता के साधारण ब्राह्म समाज के सचिव और अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने सरला राय से विवाह किया जो दुर्गा मोहन दास की पुत्री थीं। दुर्गा मोहन दास ने हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। वे और उनकी पत्नी नियमित रूप से हजारीबाग जाया करते थे जहाँ ब्राह्म समाज के कुछ लोग सक्रिय थे।


सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Das, Priyanka (2020-09-03), English: Bust of Dr. Prasanna Kumar Roy, first Indian to serve as the Principal of Presidency (then Hindoo) College from 1902-1905, अभिगमन तिथि 2022-05-18
  2. Sweet, William (2012-12-15). Migrating Texts and Traditions (अंग्रेज़ी में). University of Ottawa Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7766-2032-9.