पाकिस्तान में साम्प्रदायिक हिंसा

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पाकिस्तान में साम्प्रदायिक हिंसा (Sectarian violence) से आशय लोगों पर लोगों और उनके स्थलों पर आक्रमण तथा प्रति-आक्रमण करने से है। ये आक्रमण कुछ सम्प्रदायों और धार्मिक समूहों पर बहुत अधिक होते हैं और देवबन्दी आतंकवादी समूहों द्वारा किए जाते हैं। बरेलवी सुनी, शिया, सूफी, अहमदी, हिन्दू, ईसाई इन हिंसात्मक आक्रमणों के प्रमुख शिकार हैं। एक अनुमान के अनुसार, सन १९८७ से २००७ तक की अवधि में लगभग ४ हजार लोग वहाँ के शिया-सुन्नी संघर्षों में जान से मारे गए। इसी तरह, ह्यूमन राइट्स वाच नामक मानवाधिकार संगठन के अनुसार, सन २००८ के बाद भी सुन्नी अतिवादियों ने हजारों शियाओं की हत्या की है। ।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]