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परक्राम्य लिखत

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१९३९ का एक पराक्रम्य लिखत (रंगून, बर्मा)

परक्राम्य लिखत (negotiable instrument) उन लिखतों को कहते हैं जो मांगे जाने पर या एक निश्चित अवधि के पश्चात एक निश्चित राशि देने का वचन देते हैं। उदाहरण- प्रॉमिसरी नोट, बिल ऑफ इक्सचेंज, बैंक नोट, डिमाण्ड ड्राफ्ट और चेक आदि। मूल रूप से “परक्राम्य लिखत”ऐसे वचन पत्र या मुद्रा के भुगतान आदेश होते हैं जो किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को एवजी के रूप में प्रदान किए जाते हैं। इससे संबंधित भारत में “परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881” निगमित है। यह अधिनियम भी व्यापक रूप से नहीं लिखा गया है।

इन्हें भी देखें

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