पत्ताजी कलहट

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  • श्री ठाकुर पत्ताजी कलहट सिरोही राजदरबार में राजकवि ,सलाहकार ,और योद्धा थे । जिनका जन्म चारण कुल के कलहट(रोहडिया बारहठ) शाखा में हुआ था। उनका बहोत बड़ा योगदान रहा हैं सिरोही राजदरबार में। उनकी इसी कार्य के लिए उनका करोड़ पसव के साथ माटासन की जागीर भी मिली। जिसका वर्णन मुहनोत नैंसी की किताब सिरोही राज्य का इतिहास और, मुहनोत नैंसी री ख्यात में भी हैं ।[1][2] जिसका उल्लेख ताम्रपत्र पर हैं।[3]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.309550/page/n156/mode/1up?q=%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%A3 कलहट शाखा के चारण पत्ताको करोडपसाव दिया । साथ में माटासण गाव गुजरात के मार्गके समीप आया हुआ है। बड़गांव के पासपास।
  2. https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.345960/page/n183/mode/1up?q=%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%A3 । पता कलहठनूं कोड दी'। तिण माहे माटासण गुजरातरे पेडे नजीक छे”। बड़गांव कने” । तिण अरहट ५० अरट हुवे छे।
  3. https://www.charans.org/villages/?DistrictID=29सिरोही दरबार राजा रायसिंघजी द्वारा पत्ताजी कलहट को करोड़ पसाव के साथ साँसण मे दिया गया यह गाँव सिरोही की सबसे बड़ी जागीरों में से एक है। इसकी जानकारी मुहणोत नैणसी की पुस्तक सिरोही राज्य का इतिहास में भी दी गयी है।