निमित्तोपादानेश्वरवाद
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निमित्तोपादानेश्वरवाद के अन्तर्गत ईश्वर को इस विश्व का निमित्त और उपादान कारण माना जाता है। इसके अलावा ईश्वर को विश्वातीत एवं विश्व में व्याप्त दोनों ही माना जाता है। इस दृष्टि से निमित्तोपादानेश्वरवाद, ईश्वरवाद के समान है और सर्वेश्वरवाद से अलग है। किन्तु निमित्तोपादानेश्वरवाद में ईश्वर को ईश्वरवाद की तरह व्यक्तित्ववान नहीं माना जाता है बल्कि इसमें सर्वेश्वरवाद की तरह ईश्वर को व्यक्तित्वरहित माना गया है। जहाँ सर्वेश्वरवाद के अनुसार 'सब कुछ ईश्वर है', वहीं निमित्तोपादानेश्वरवाद के अनुसार 'सब कुछ ईश्वर में है'। [1]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ धर्म दर्शन : सामान्य एवं तुलनात्मक (पृष्ठ-८०) Archived 2016-08-09 at the वेबैक मशीन (गूगल पुस्तक ; लेखक- डॉ रमेन्द्र)
इन्हें भी देखें
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