नदी के द्वीप

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अज्ञेय का दूसरा उपन्यास है – 'नदी के द्वीप' (1951). यह एक मनोवैज्ञानिक उपन्यास है जिसमें एक तरह से यौन संबंधों को केंद्र बनाकर जीवन की परिक्रमा की गई है. इस उपन्यास के मुख्य पात्र हैं भुवन, रेखा, गौरा और चंद्रमाधव.